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तीन विभाग मिलकर चलाएंगे नशामुक्ति अभियान

जागरण संवाददाता, सिरसा: तेजी से फैल रहे नशे की जकड़ने में आए पीड़ितों को इलाज के लिए

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 11:20 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 11:20 PM (IST)
तीन विभाग मिलकर चलाएंगे नशामुक्ति अभियान
तीन विभाग मिलकर चलाएंगे नशामुक्ति अभियान

जागरण संवाददाता, सिरसा:

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तेजी से फैल रहे नशे की जकड़ने में आए पीड़ितों को इलाज के लिए प्रेरित करने का काम अब संयुक्त रूप से किया जाएगा। इस कार्य में तीन विभागों को एक साथ जोड़कर योजना तैयार की गई है जो गांवों में कैंप लगाने से लेकर उन्हें हास्पिटल में दाखिल कराने तक का कार्य करेंगे। स्वास्थ्य विभाग के साथ पंचायत विभाग व समाज कल्याण विभाग को इस अभियान से जोड़ दिया गया है।

मुख्यमंत्री सुशासन सहायिका की ओर से बनाए गए इस प्रोजेक्ट के तहत पहले गांव में एक कैंप लगाया जाएगा। इसी कैंप में मनोरोग विशेषज्ञ तथा चिकित्सक उपलब्ध होंगे जो पीड़ित के नशे के आदीपन को देखते हुए उसका इलाज सुझाएंगे। साथ ही यह समझाने का प्रयास करेंगे कि नशे की इस दलदल से निकला जा सकता है। इसमें एक भूमिका ग्राम पंचायत के स्तर पर बने ग्रवित की है। ग्रवित उन परिवारों को प्रेरित करेंगे जिनके युवा नशा कर रहे हैं। समाज कल्याण विभाग की ओर से ही मनोरोग विशेषज्ञ उपलब्ध रहेगा। 24 लाख से अधिक का प्रोजेक्ट

इस प्रोजेक्ट को जिलेभर में चलाए जाने के लिए काउंसलर, साइकोलॉजिस्ट व नशामुक्ति केंद्र के विस्तार एवं दवाओं को शामिल किया गया है। जिले भर में चलने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए 24 लाख रुपये की आवश्यकता मानी गई है। हालांकि यह प्रोजेक्ट अभी स्वीकृति के लिए संबंधित विभाग के पास भेजा गया है और मौखिक रूप से इसे स्वीकृति है लेकिन स्वीकृति का पत्र अभी जिला प्रशासन को उपलब्ध नहीं हुआ है। यह प्रोजेक्ट नवंबर माह में सिरसा पहुंची अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरजा शेखर के समक्ष रखा गया था और उन्होंने विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। हद हो गई 12 साल के बच्चे कर रहे हैं स्मैक का सेवन

इस अभियान से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार जिले में बड़े स्तर पर नशा फैल गया है। शहर के कुछ हिस्से व गांवों में कैंप लगाया गया तो हैरानी वाले आंकड़े सामने आए। एक 12 साल की लड़की भी कैंप तक पहुंची जो स्मैक का सेवन कर रही है। गरीब परिवार की इस बच्ची तक स्मैक कैसे पहुंची यह भी जांच का विषय हो गया है। इसके अलावा कई ऐसे बच्चे आए हैं जो नाबालिग होते हुए अलग-अलग प्रकार के नशे की जकड़न में हैं। नशा मुक्ति कंपेन का फायदा तभी है जब कैंप तक प्रभावित पहुंचे। उनकी काउंस¨लग हो और उन्हें उपचार मिले। प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे नशामुक्ति केंद्र में इलाज फ्री है और जो प्रभावित है उन्हें अपना इलाज करवाना चाहिए। हमारी ओर से पहले 69 गांवों में यह अभियान चलाया जाएगा। अभियान की खास बात यह है कि एक कैंप लगाया और फिर बंद कर दिया ऐसा नहीं होगा। छह माह के अवधि में कम से कम चार कैंप उसी गांव में लगाएंगे। तभी नशे को दूर कर पाएंगे।

पूर्वी चौधरी

मुख्यमंत्री सुशासन सहायिका


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