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प्राध्यापकों के स्मार्ट फोन से लगेगी सीडीएलयू में विद्यार्थियों की उपस्थिति

चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में आगामी शैक्षणिक सत्र के दौरान विद्यार्थिया

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 11:03 PM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 11:03 PM (IST)
प्राध्यापकों के स्मार्ट फोन से लगेगी सीडीएलयू में विद्यार्थियों की उपस्थिति
प्राध्यापकों के स्मार्ट फोन से लगेगी सीडीएलयू में विद्यार्थियों की उपस्थिति

जागरण संवाददाता, सिरसा : चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में आगामी शैक्षणिक सत्र के दौरान विद्यार्थियों की हाजिरी रजिस्टर की बजाय प्राध्यापकों के लैपटॉप, डेस्कटॉप, टैब या उन के स्मार्ट फोन पर लगेगी। क्लासरूम टीचिग प्रारंभ हो जाने के बाद भी प्रत्येक पाठ्यक्रम में कम से कम दो विषयों को ऑनलाइन पढ़ाना अनिवार्य होगा। यह जानकारी कुलपति प्रो. राजबीर सिंह सोलंकी ने बृहस्पतिवार को शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रो. राजकुमार सिवाच द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर्स कांट्रेक्चुअलस की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

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कुलपति ने कहा कि कोविड-19 के दौरान शिक्षकों तथा शैक्षणिक संस्थानों के अंदर गत दो माह के दौरान काफी बदलाव देखने को मिल रहा है और विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षक भी टेक्नोलॉजी के विभिन्न प्लेटफार्म का उपयोग करके ज्ञान विसर्जन कर रहे हैं। इस महामारी काल के दौरान राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पाठ्यक्रम तैयार करके शैक्षणिक संस्थान राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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जीवन भर स्थायी खुशी के चार मंत्र देते हुए कुलपति ने कहा कि सर्वप्रथम हमें अपने आपको मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक व मनोवैज्ञानिक रूप से स्वस्थ रखना होगा। रिश्तों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। खुद के साथ बेहतर रिश्ता स्थापित करने के साथ-साथ परिवार के साथ, प्रकृति के साथ, समाज के साथ बेहतर रिश्ता स्थापित करना होगा। तीसरे मंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें योग्यता एवं कौशल विकसित करके धन उपार्जन करने में भी सक्षम होने चाहिए। चौथे मंत्र का जिक्र करते हुए कुलपति ने कहा कि जीवन मूल्यों को हमें समझना चाहिए और उन्हें व्यावहारिक रूप से अमल में लाना चाहिए, यदि हम ऐसा करते हैं तो हमें स्थायी खुशी प्राप्त होती है।

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कुलपति ने प्राध्यापकों से कहा कि उन्हें ऑनलाइन तकनीकों की विभिन्न मेथड्स पर विजय हासिल करके विद्यार्थियों को भी इस तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। सभी प्राध्यापकों से अनुरोध किया कि वे अपने-अपने विषय के कम से कम 10 पृष्ठ लिखकर शैक्षिक मामलों के अधिष्ठाता को 15 जून से पहले प्रस्तुत करें ताकि इस संबंध में सभी विद्यार्थियों के हित के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक पुस्तक तैयार की जा सके।

इस अवसर पर कुलपति का धन्यवाद शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रोफेसर राजकुमार सिवाच द्वारा किया गया और प्राध्यापकों ने अपनी फीडबैक भी कुलपति को प्रदान की। ऑनलाइन मीटिग का संचालन आईटी सेल के जूनियर प्रोग्रामर गुलशन मेहता द्वारा किया गया।


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