Move to Jagran APP

179 में से चली महज 27 बसें , 152 वर्कशॉप में खड़ी रही

720 निजी बसें रोडवेज बेड़े में शामिल किए जाने के विरोध में हरिय

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 10:47 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 10:47 PM (IST)
179 में से चली महज 27 बसें , 152 वर्कशॉप में खड़ी रही
179 में से चली महज 27 बसें , 152 वर्कशॉप में खड़ी रही

जागरण संवाददाता, सिरसा : 720 निजी बसें रोडवेज बेड़े में शामिल किए जाने के विरोध में हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी के आह्वान पर की गई दो दिवसीय हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। सिरसा डिपो की 179 बसों में से महज 27 बसें ही चल पाई। जिला प्रशासन द्वारा बस अड्डा परिसर पर लगाई गई धारा 144 के चलते कर्मचारी संगठन प्रदर्शन नहीं कर पाए और बस अड्डा से कुछ दूरी पर पार्क में बैठे रणनीति बनाते रहे। हड़ताल के चलते बस अड्डा परिसर पर पुलिस बल तैनात रहा तथा पुलिस अधीक्षक हामिद अख्तर भी स्थिति का जायजा लेने पहुंचे। पुलिस सुरक्षा में निकली बसें :

loksabha election banner

रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल को विफल बनाने के लिए रोडवेज व पुलिस प्रशासन रात को ही सक्रिय हो गया। तड़के 2.20 बजे चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई, उसके बाद 2.50 पर फिर चंडीगढ़, 3.20 पर दिल्ली, 4.10 पर दिल्ली, 4.20 पर चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई। 4.40 पर दिल्ली, 5.20 पर दिल्ली, 5.40 पर चंडीगढ़, 6.15 पर दिल्ली, 6.45 पर दिल्ली, 6.50 पर चंडीगढ़, 7.15 दिल्ली, 7.50 पर चंडीगढ़, 8.10 पर दिल्ली, 8. 45 पर दिल्ली के लिए तथा इसके अलावा हनुमानगढ़, गंगानगर व ऐलनाबाद के लिए सिरसा डिपो से रवाना हुई। जबकि डबवाली डिपो से एक बस हरिद्वार के लिए, दो बसें दिल्ली के लिए और एक सिरसा होते हुए रानियां पहुंची। जायजा लेने पहुंचे पुलिस अधीक्षक

दस बजे के करीब पुलिस अधीक्षक हामिद अख्तर दलबल सहित स्थिति का जायजा लेने बस स्टैंड पहुंचे। जहां जीएम रोडवेज खूब राम ने उन्हें स्थिति से अवगत करवाया। इस दौरान दो रोडवेज बसों को स्टैंड पर लगाया गया, जिनमें से एक तो फतेहाबाद के लिए रवाना हो गई जबकि एक बस दिनभर स्टैंड पर ही खड़ी रही। सिरसा की 23 और डबवाली की 4 ही बसें चली :

सिरसा डिपो में 139 बसें है, जिनमें से दोपहर बारह बजे तक 23 बसें चली जबकि डबवाली सब डिपो की 40 बसों में से चार बसें ही चल पाई। बस स्टैंड से दो दो बसें एक साथ निकाली गई और बसों के आगे पीछे पुलिस की गाड़ियां थी, जो बसों को फतेहाबाद सीमा तक छोड़कर आई। रास्ते में एक बस पर पत्थर फेंकने व एक बस को पंक्चर करने की भी जानकारी मिली। जिसके बाद पंक्चर बस वापस सिरसा डिपो में लौट आई। तीन गाड़ियों को रास्ते में रोका भी गया, जिनमें एक नरवाना, एक हिसार व एक दरियापुर रोकी गई। तैनात रही पुलिस फोर्स, धारा 144 लागू होने के कारण नहीं आए प्रदर्शनकारी

रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए रोडवेज महाप्रबंधक खूब राम कौशल सोमवार शाम से ही बस अड्डा परिसर में डेरा डाले हुए थे। शाम होते ही पुलिस कर्मी भी पहुंचने शुरू हो गए। तड़के करीब दो बजे बस अड्डा परिसर पर 200 के करीब पुलिस जवान मौजूद थे। डीएसपी जगदीश कुमार सहित पुलिस अधिकारी मौके पर रहे। दमकल गाड़ियां, एंबुलेंस व दंगारोधी वाहन तैनात रहे। निर्धारित समय पर तड़के पहली बस को पुलिस सुरक्षा के साथ चंडीगढ़ के लिए रवाना किया गया। यूनियन नेताओं पर लगा है एस्मा, विरोध करते तो रद हो जाती जमानत :

रोडवेज अधिकारी ने बताया कि निजी बसों को शामिल किए जाने के विरोध में संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा की गई हड़ताल के दौरान किसी भी यूनियन का कर्मचारी नेता विरोध प्रदर्शन करने नहीं पहुंचा। प्रशासन ने धारा 144 लगी रखी थी, इसके साथ ही हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई होने के नोटिस जारी किए गए थे। कई यूनियन नेताओं पर बीते माह हुई हड़ताल के तहत एस्मा के तहत कार्रवाई हुई है तथा वे जमानत पर चल रहे हैं। अगर वे विरोध प्रदर्शन करते तो उनकी जमानत भी रद हो सकती थी। बिजलीघर के समीप पार्क में बैठकर बनाई यूनियन नेताओं ने रणनीति

धारा 144 लागू होने के कारण यूनियन नेताओं ने मुख्य बस स्टैंड से कुछ दूर पार्क में बैठकर रणनीति बनाई। सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान मदन लाल खोथ ने बताया कि उनकी हड़ताल पूरी तरह कामयाब रही। दो-तीन बसें ही चली थी, वो भी वापस बुला ली गई। कर्मचारियों से अपील की गई थी कि अगर रोडवेज का निजीकरण होगा तो सभी को नुकसान होगा, जिसके बाद कर्मचारी ड्यूटी पर ही नहीं आए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अनेक बसें बिना कंडक्टर के ही सड़कों पर उतार दी और घुमाते रहे।

लोकल रूटों पर नहीं चली बसें, दिन में लंबी रूटों की सवारियां भी रही परेशान

रोडवेज की हड़ताल के चलते लंबी दूरी की यात्रा करने वालों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि सुबह सवेरे नौ बजे तक डिपो द्वारा लंबी दूरी की अधिकतर बसों को भेजा गया और रोडवेज महाप्रबंधक दावा कर रहे हैं कि वे अपने गंतव्य तक पहुंची भी है। इसके बावजूद दिन भर यमुनानगर, दिल्ली, गंगानगर इत्यादि स्थानों पर जाने वाले यात्री बसों का इंतजार करते रहे। लोकल रूटों पर एक भी बस नहीं चली, जिस कारण गांवों से आने वाले विद्यार्थियों व आमजन को खासी परेशानी हुई।

निजी व दूसरे राज्यों की बसें रही ठसाठस

रोडवेज बसों के न चलने के कारण बस स्टैंड पर दिनभर निजी बसों की भरमार रही। इसके अलावा पंजाब व राजस्थान रोडवेज की बसों में भी सवारियां ठसाठस भरी रही। मुख्य बस अड्डा के सभी स्टैंडों पर निजी बसें खड़ी रही और सवारियां उठाती रही। इसके अलावा सिरसा से हिसार व ब¨ठडा की तरफ जाने वाले गाड़ियों में भी रोजाना की अपेक्षा सवारियों की संख्या अधिक रही। पहले दिन हुआ करीब 13 लाख नुकसान

रोडवेज कर्मियों की हड़ताल के कारण विभाग को करीब 13-14 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। सिरसा व डबवाली दोनों डिपुओं को मिलाकर रोजाना तकरीबन 14-15 लाख रुपये आमदन होती है। हड़ताल के चलते 27 बसें ही चल पाई और उनमें भी सवारियां नाममात्र की रही। गैरहाजिर रहे कर्मचारियों पर एस्मा के तहत होगी कार्रवाई, सबसे ज्यादा सिरसा डिपो से चली बसें

हड़ताल पर रहे कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी। सभी पक्के व आउटसोर्सिंग पर लगे कर्मचारियों को पहले ही नोटिस दिए गए थे। आउटसोर्सिंग व नए भर्ती हुए कर्मचारियों को साफ निर्देश है कि हड़ताल में शामिल होने पर उन्हें बिना नोटिस के टर्मिनेट किया जा सकता है। सिरसा डिपो में आज सबसे ज्यादा 27 बसें चली है और प्रयास रहेगा कि और भी बसों को निकाला जाए परंतु स्टॉफ के न पहुंचने के कारण संभव नहीं हुआ। पुलिस प्रशासन ने पूरा सहयोग दिया है। जो कर्मचारी गैरहाजिर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

- खूब राम कौशल, रोडवेज महाप्रबंधक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.