वार्ता में सीएम बोले-पड़ोसी सूबे के प्रोजेक्ट का ना करो विरोध
संवाद सहयोगी, डबवाली : बुधवार रात को चंडीगढ़ पहुंचे डबवाली एरिया के किसानों का दर्द जानन
संवाद सहयोगी, डबवाली : बुधवार रात को चंडीगढ़ पहुंचे डबवाली एरिया के किसानों का दर्द जानने के बाद सीएम मनोहर लाल ने कहा कि राजस्थान कैनाल की रि लाइजनिंग राजस्थान का हक है। राजस्थान को नहीं रोक सकता। इंटर स्टेट मामला है, मुझे बात माननी ही पड़ेगी। किसानों ने जीरो पॉइंट से नहर शुरु करने की मांग की तो सीएम ने साफ कहा कि पंजाब की स्थिति अलग है। हरियाणा-राजस्थान में एक ही पार्टी की सरकार है। इसलिए किसान प्रोजेक्ट का विरोध छोड़कर धरना समाप्त कर दें। किसानों ने पलटकर कोई जवाब नहीं दिया। सीएम वार्ता समाप्त करके चले गए। सीएम हाऊस के कैंप ऑफिस में दोनों पक्षों में वार्ता करीब 40 मिनट चली। मौके पर नहरी विभाग हरियाणा के ¨प्रसिपल सचिव अनुराग रस्तोगी भी मौजूद थे। वार्ता सिरे न चढ़ने के कारण वापिस लौटे किसानों ने बृहस्पतिवार को 9वें दिन धरना जारी रखा।
सीएम से वार्ता के दौरान किसानों ने राजस्थान कैनाल से अपने हिस्से का पानी (.08 एमएएसओ) मांगा तो सीएम ने कहा कि भाखड़ा प्रबंधन बोर्ड (बीएमबी) से तथ्य जुटाने के बाद ही इस मसले पर बात होगी। अगर हरियाणा का शेयर होगा तो वे जरुर प्रयास करेंगे। सीएम भी पूरी तैयारी के साथ पहुंचे थे। उन्होंने गांव लोहगढ़, जोतांवाली में सेम का मामला उठाया तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. केवी ¨सह ने कहा कि सेम मैंने ही समाप्त करवाई थी। नहर की दीवारें टूटी होने के कारण इलाके में सेम आती है, लेकिन वर्तमान में जल स्तर 13 फुट नीचे चला गया है। किसानों की पैरवी केवी ¨सह के अलावा भाजपा नेता आदित्य देवीलाल, कांग्रेस नेता कुलदीप गदराना कर रहे थे। डेलिगेशन में गांव अबूबशहर, राजपुरा, जंडवाला बिश्नोइयां, सकताखेड़ा तथा सुकेराखेड़ा के किसान शामिल थे। गौरतलब है कि राजस्थान कैनाल को रि लाइ¨नग करने के विरोध में किसान कैनाल किनारे धरनारत हैं।
किसानों ने सीएम के आगे रखे ये पहलू
1. राजस्थान डिजाइन में थोड़ी तबदीली कर दे। ईंटों का बेड बनाकर दीवारों को आरसीसी कर दे। हमें एतराज नहीं।
2. राजस्थान हाई मास्क 500 माइक्रोन की एचडीपीई फिल्म बेड पर लगाने जा रहा है। इससे सीपेज रुक जाएगी। जल स्तर पर निर्भर इलाके के किसान बर्बाद हो जाएंगे।
3. राजस्थान कैनाल में बहने वाले पानी में हमारा हिस्सा है। किसानों के अनुसार 106 क्यूसिक हम ले रहे हैं। करीब 40-41 क्यूसिक पानी हमें मिलना चाहिए। इससे करीब 16 हजार एकड़ जमीन पर ¨सचाई होगी।
4. राजस्थान 1500 से 2000 क्यूसिक पानी की बर्बादी होने की बात कहता है। हरियाणा सरकार महज 41 क्यूसिक पानी के लिए आऊटलेट की व्यवस्था कर दे तो फिर चाहे राजस्थान को प्रॉजेक्ट पूरा करने की अनुमति प्रदान कर दे। सीएम पर केंद्र का दबाव
हरियाणा सरकार पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी का दवाब है। सीएम मनोहर लाल ने यह बात खुद स्वीकार की। सीएम ने हमारे साथ करीब 40 मिनट बात की। बात नहीं बनी तो मैंने चौटाला हाईवे पर खस्ताहाल पुल को दोबारा तथा चौड़ा करके बनाने की मांग रखी। सीएम ने नहरी विभाग के ¨प्रसिपल सचिव को गौर करने के लिए कहा। हालांकि राजस्थान का प्रॉजेक्ट रोकने के लिए हम गुहार लगाते रह गए। सीएम धरना समाप्त करने की बात कहकर चले गए।
-डॉ. केवी ¨सह, पूर्व ओएसडी सीएम सरकार देगी रिपोर्ट, फिर तय करेंगे रुपरेखा
सीएम से विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की थी। वे केंद्र सरकार के दवाब में बोल रहे थे। बात अच्छी तरह से सुनी, लेकिन राजस्थान का पक्ष लिया। हमने अपने हिस्से का पानी मांगा तो उन्होंने रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही सरकार भाजपा नेता आदित्य देवीलाल को जानकारी देगी। सरकार से जवाब मिलने के बाद हम अगली रुपरेखा तय करेंगे।
-कुलदीप गदराना, वरिष्ठ कांग्रेस नेता किसान असहाय नहीं
केंद्र सरकार के आगे सीएम मनोहर लाल मजबूर होंगे। लेकिन किसान न तो असहाय है, न ही कमजोर। हमने अपनी डिमांड प्रदेश के मुखिया के आगे रखी है। निर्णय उन्होंने लेना है कि वे किसान हित में सोचते हैं या फिर केंद्र सरकार को खुश करेंगे। किसान प्रॉजेक्ट के विरोध में डटा हुआ है। हमने विभिन्न पहलुओं को सीएम के आगे रखा है। सरकार से रिप्लाई का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद किसानों से बैठक करके अगली रुपरेखा बनाई जाएगी।
-आदित्य देवीलाल, भाजपा नेता