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काउंटर से बस ले जाना खोल रहा है व्यवस्था की पोल, चालक-परिचालक का बस छोड़ना पड़ा महंगा

बस स्टैंड के काउंटर पर लगी बस को अनजान व्यक्ति चालक-परिचालक बनक

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 09:04 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 09:04 AM (IST)
काउंटर से बस ले जाना खोल रहा है व्यवस्था की पोल, चालक-परिचालक का बस छोड़ना पड़ा महंगा
काउंटर से बस ले जाना खोल रहा है व्यवस्था की पोल, चालक-परिचालक का बस छोड़ना पड़ा महंगा

जागरण संवाददाता, सिरसा : बस स्टैंड के काउंटर पर लगी बस को अनजान व्यक्ति चालक-परिचालक बनकर ले भी गए और रोडवेज को इसकी भनक तब लगी जब बस को आगे जाकर रुकवा लिया गया। युवक आसानी से बस स्टैंड से बस लेकर फरार हो गए और किसी को इसकी भनक नहीं लगी। रोडवेज कर्मचारी के बस में सवार होने से एक बड़ा हादसा तो टल गया लेकिन व्यवस्थाओं में खामियों की पोल खोल गया। एक बजकर 40 मिनट पर चलने वाली बस को दो युवक एक अन्य युवक के कहने से लेकर चल पड़े। गेट पर गलत दिशा से बस निकली तब भी शक नहीं हुआ और बस के चालक-परिचालक काउंटर पर पहुंचे तब बस गायब थी।

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पुलिस का सवाल बस छोड़कर क्यों गए चालक-परिचालक

तीनों आरोपितों को पकड़ने के बाद जो कहानी सामने आई उसमें एक युवक सुखविद्र सिंह पहले से ही बस अड्डे पर मौजूद था। इसी दौरान दो युवक बस के समीप पहुंचे और सुखविद्र सिंह से बात की। इनमें से एक चालक की सीट पर बैठ गया और दूसरा साथ वाली सीट पर। बस गंतव्य की ओर भी निकल गई। बस चलाने के तरीके को लेकर शक हुआ और फिर ड्राइवर व कंडक्टर के नकली होने का खुलासा हो गया। अब पुलिस ने सवाल उठाया कि चालक-परिचालक बस को काउंटर पर लगाकर कहां गए। उन्हें बस क्यों छोड़ी। एक दिन पहले भी बस अड्डे पर घूम रहा था सुखविद्र, बोला : जाना तो जेल में ही है

फर्जी चालक-परिचालक को पकड़कर जब बस अड्डा लाया गया तो सुखविद्र को कई कर्मचारियों ने पहचान लिया। बोले यह तो कल भी यहीं घूम रहा था। पुलिस ने इसे धूम्रपान न करने से मना किया तो यह बस अड्डे से बाहर जाने लगा लेकिन जोर से बोल रहा था जाना तो जेल ही है। जेल से ही आया है। बताया जा रहा है कि सुखविद्र नशे की स्थिति में देखा गया था। अब सुखविद्र बस का मालिक बन गया और दो अन्य के साथ मिलकर बस लेकर चल पड़ा। फ्री जाने के चक्कर में फंसने की सुनाई कहानी

महेंद्रगढ़ के प्रदीप व लाजपत ने पुलिस के समक्ष कहा कि वे तो इस व्यक्ति को बस का मालिक सोच रहे थे। इसी से बस के ओढां जाने के बारे में पूछा। क्योंकि ओढां और बणी का काउंटर साथ-साथ है। सुखविद्र ने कहा कि ड्राइवर की तबीयत खराब है। रास्ते में मिलेगा वहां तक बस चला लो, टिकट नहीं लूंगा। बस फ्री के फेर में फंस गए। उन्होंने तो आनलाइन कार पसंद कर रखी थी और उसे देखने ओढां जा रहे थे। लेकिन पुलिस उनकी इस कहानी पर शक कर रही है। अनाड़ी थे तो बस कैसे स्टार्ट की

पुलिस की जांच में एक सवाल बस को स्टार्ट करने को लेकर रहा। पुलिस ने बस स्टार्ट को लेकर तीनों से अलग-अलग पूछा तो उन्होंने बताया कि बस के लिए चाबी नहीं बल्कि बटन है और उसे दबाने के साथ ही बस स्टार्ट होती है। चालक बने प्रदीप के पास हैवी लाइसेंस है और उसे वाहन चलाने की कुछ जानकारी रही है। हालांकि बस चलाने के तरीके को लेकर वह फंस गया। जिसने पकड़ा उसे रिवार्ड और जिन्हें बस छोड़ी उनके लिए रोडवेज को लिखेंगे

आरंभिक जानकारी है कि रोडवेज के कर्मचारी ने फर्जी बस चालक, परिचालक व एक अन्य को पकड़वाया है। जिस रोडवेज कर्मचारी ने इन्हें पकड़वाने में योगदान दिया है उसे सम्मानित करेंगे। रोडवेज के जो चालक-परिचालक बस को छोड़कर कहीं ओर चले गए उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर रोडवेज को लिखेंगे।

डा. अरुण सिंह, डीआइजी सिरसा


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