ब्लू व्हेल के बाद अब मोमोज चैलेंज गेम की आफत, छात्र की हरकत से हड़कंप
ब्लू व्हेल के बाद एक और खतरनाक अॉनलाइन गेम मोमोज चैलेंज ने हरियाणा में दस्तक दी है। सिरसा के एक प्रतिष्ठित स्कूल में यह गेम खेल रहे छात्र ने अपनी कलाई की नस काट ली।
जेएनएन, सिरसा। ब्लू व्हेल गेम से भी खतरनाक मोमोज चैलेंज गेम का मामला सिरसा में सामने आया है। शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में बच्चे ने मोमोज चैलेंज गेम से प्रभावित होकर अपनी कलाई की नस काट ली। इससे हड़कंप मच गया। स्कूल के तीन अन्य बच्चे भी इसी गेम से प्रभावित पाए गए हैं। सभी बच्चों का तत्काल इलाज कराया गया। फिलहाल स्कूल प्रशासन मामले की लीपापोती में जुटा हुआ है।
ब्लू व्हेल से भी खतरनाक मोमोज चैलेंज गेम की सिरसा में दस्तक
मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने आनन-फानन में सभी बच्चों की पड़ताल की कि कहीं किसी की कलाई पर कट या चोट के निशान तो नहीं है। साथ ही विद्यार्थियों को मोमोज चैलेंज व ब्लू व्हेल गेम न खेलने की सलाह दी गई। ऐसा करने वाले को स्कूल से सस्पेंड किए जाने की चेतावनी भी दी गई। सूत्रों के अनुसार, स्कूल प्रशासन की ओर से तीन-चार बच्चों को उपचार के लिए ले जाया गया। वहां डॉक्टर को बताया गया कि बच्चों को खेलते समय बेंच से चोट लग गई।
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अभिभावकों को बुलाकर किया सजग
प्रधानाचार्य ने बताया, उन्हें पता चला था कि आठवीं कक्षा के कुछ बच्चे ब्लू व्हेल जैसे गेम से प्रभावित हैं। उनके पास चैलेंज आया हुआ है। इसके बाद उन बच्चों के अभिभावकों को स्कूल में बुलाकर सावधान किया गया है कि अज्ञानता में कहीं बच्चे कोई गलत कदम ना उठा लें। उन्होंने बताया कि एक बच्चे के अभिभावक ने उन्हें जानकारी दी कि उनके पास भी किसी ने मोमोज गेम की जानकारी भेजी है।
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ब्लू व्हेल के बाद अब मोमोज चैलेंंज
वर्ष 2016 में ब्लू व्हेल गेम ने पूरी दुनिया में सनसनी मचा दी थी। भारत में भी कई बच्चों ने ब्लू व्हेल गेम खेलकर आत्महत्या कर ली थी। अब 2018 में मोमोज चैलेंज गेम चर्चा में है। यह इंटरनेट गेम वाट्सएप के जरिये किशोरों को शिकार बना रहा है। ब्लू व्हेल गेम की तरह इसमें भी खेलने वालों को टास्क दिए जाते हैं और अंत में आत्महत्या के लिए उकसाया जाता है।
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मेरी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। स्कूल प्रशासन ने भी कुछ जानकारी नहीं दी है। इस मामले में अब पता किया जाएगा।
- डाॅ. यज्ञदत्त वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, सिरसा।
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अपेक्षाओं के बोझ तले दबे बच्चे
'' आज के बच्चे मां-बाप की अपेक्षाओं और पढ़ाई के बोझ के चले दबे हुए हैं। इस कारण बच्चे खेल से दूर हो रहे हैं। माता पिता को चाहिए कि वो बच्चों को खेलने दें, शरारत करने दें और बचपन जीने दें। साथ ही उनकी हरकतों पर ध्यान दें। उन्हें समय दें। बच्चे ऐसी गेम रात के समय खेलते हैं, इसलिए रात को बच्चों को मोबाइल व लैपटॉप से दूर रखें।
- डाॅ. रविंद्र पुरी, मनोवैज्ञानिक।