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फर्जी फर्मों की जांच के लिए एसआइटी गठित

सिरसा में फर्जी फर्मों के मामलों की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक ने एस

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 05:23 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 05:23 PM (IST)
फर्जी फर्मों की जांच के लिए एसआइटी गठित
फर्जी फर्मों की जांच के लिए एसआइटी गठित

जागरण संवाददाता, सिरसा :

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सिरसा में फर्जी फर्मों के मामलों की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक ने एसआइटी गठित कर दी है। डीएसपी के नेतृत्व में एसआइटी में कराधान विभाग के अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। पुलिस नई दर्ज एफआइआर के अलावा पूर्व में दर्ज फर्जी फर्मों के रिकार्ड को भी खंगालेगी। पुलिस उन चेहरों को बेनकाब करेगी जो इन फर्जी फर्मों का खेल खेल रहे हैं और करोड़ों रुपयों का टर्नओवर का लाभ इनपुट टैक्स के रूप में गलत ढंग से वसूल कर रहे हैं। तीन फर्मों के खिलाफ दर्ज है केस

आबकारी एवं कराधान विभाग की ओर से पुलिस में शिकायत दी गई कि सिरसा की तीन फर्मों ने रोहतक के महम की एक फर्म के साथ मिलकर करोड़ों रुपयों का कारोबार किया है। जांच में ये फर्जी फर्में पाई गई हैं। मौके पर अधिकारी पहुंचे तो दिए गए पते पर कोई नहीं मिला और रिकार्ड में लगाए गए दस्तावेज भी सही नहीं हैं। 8 जनवरी को पुलिस ने केस दर्ज किया। पुलिस ने मै. कंबोज ब्रदर्स वेलकम पैलेस के पीछे बरनाला रोड, मै. मिमांशु ब्रदर्स जेई कालोनी सिरसा तथा मै. ठाकुर इंटरप्राइेजज पालिका बाजार ऐलनाबाद के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया। पुलिस केस में बताया गया कि मै. कंबोज ब्रदर्स ने मई 2018 से नवंबर 2018 तक फर्जी बिल काटे। इसी तरह मै. मिमांशु ब्रदर्स ने भी मई से नवंबर तक काम किया। मै. ठाकुर इंटरप्राइजेज ने जून से नवंबर के बीच काम किया। करोड़ों का कारोबार कर गई फर्में

सिरसा के कराधान विभाग के अधिकारियों को इन फर्मों के फर्जी होने की भनक ही नहीं थी। विभाग को इसकी सूचना रोहतक के डीईटीसी के माध्यम से मिली जिसमें बताया गया कि इन फर्मों ने महम की एक फर्म के साथ मिलकर करोड़ों की बि¨लग की है और ये फर्जी बिलों के अंदेशे के रूप में देखी गई। जांच की गई तो पता चला कि मै. मिमांशु ब्रदर्स ने इस दौरान 96 करोड़ 58 लाख 55 हजार का कारोबार किया और उस पर 10 करोड़ का इनपुट टैक्स बना। इसी तरह मै. कंबोज ब्रदर्स ने 61 करोड़ 18 लाख 18 हजार का कारोबार किया और उस पर 6 करोड़ से अधिक का इनपुट टैक्स बनता था। जिसमें से उसने 60 हजार रुपये टैक्स के रूप में जमा करवाए। मै. ठाकुर इंटरप्राइेजज ने 34 करोड़ 38 लाख का कारोबार किया और उस पर 18 लाख से अधिक का इनपुट क्रेडिट बनता था और उसने साढ़े 8 हजार रुपये की राशि ही टैक्स के रूप में अदा की। मई 2018 में भी सामने आए थे फर्जी फर्म मामले

फर्जी फर्मों का खेल सिरसा में वर्षों पुराना है। वैट के समय भी यहां फर्जी फर्में बनी थी जिनके तार गुजरात से जुड़े थे। यहां की 14 से अधिक फर्में ऐसी पाई गई थी जिनके पते भी सही नहीं थे और वे करोड़ों का कारोबार कर गई। इस वैट घोटाले के बाद मई 2018 में भी फर्जी फर्मों का मामला सामने आया तब तीन फर्मों के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे और इसकी जांच आइजी स्टाफ की ओर से की गई। एक करोड़ 10 लाख रुपये की नकदी पकड़ने के साथ ही जांच में फर्जी फर्मों के तार जुड़ते नजर आए थे। :::::फर्जी फर्मों की जांच के लिए एसआइटी गठित की गई है। डीएसपी के नेतृत्व में गठित एसआइटी फर्जी फर्मों के मामले की बारीकी से जांच करेगी। जो भी दोषी बनेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और इन मामलों की तह तक जाएंगे।

डा. अरुण ¨सह

एसएसपी, सिरसा


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