खेत खलिहान : तिल की बिजाई से किसान कमा सकते हैं मुनाफा
तिल की खेती कर किसान कम लागत व कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा सकते
जागरण संवाददाता, सिरसा : तिल की खेती कर किसान कम लागत व कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। मानसून की पहली बारिश के बाद तिल की बिजाई किसान कर सकते हैं। तिल की खेती अच्छे जल निकास वाली रेतीली दोमट मिट्टी में होती है। किसान तिल की बिजाई से पहले भूमि को अच्छे तरीके से तैयार करें। इसके लिए दो या तीन बार जुताई करके जमीन को अच्छे तरीके से तैयार करें। हर बार जुताई के बाद सुहागा लगा दें। कब करें बिजाई
तिल की फसल को पर्याप्त नमी वाले बिरानी क्षेत्र में उगाई जा सकती है। इसके लिए मानसून की पहली बारिश के बाद बिजाई कर सकते हैं। सिचित फसल उगाने के लिए बिजाई जून के दूसरे पखवाड़े में कर सकते हैं। इस फसल में खाद देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। किसान गोबर की खाद बिजाई से पहले डाल सकते हैं। कम उपजाऊ व हलकी जमीन में 15 किलोग्राम नाइट्रोजन, 33 किलोग्राम यूरिया बिजाई से पहले ड्रिल करें। इसमें ज्यादा खाद देने से पत्तों की वृद्धि ज्यादा होती है। तिल को विशुद्ध रूप में बोने पर फसल में से बिजाई के तीसरे सप्ताह के बाद खरपतवार को हाथ से निकाल दें। तिल की कटाई समय पर करनी बहुत जरूरी है क्योंकि देर होने से इसके दाने झड़ने लगते हैं। जब पौधे पीले पड़ने लगे तो समझो यह पक गई है। सुंडी की करें रोकथाम
तिल की पत्ती लपेट तथा फली बेधक सुंडी आक्रमण के शुरू में सुंडियां पत्तों को लिपटकर खाती है। जिससे पत्ते गिर जाते हैं, सुंडिया फलियों में छेद करके अंदर ही अंदर खाकर हानि पहुंचाती है। हरा तेला कीड़ा पत्तों में रस चूसता है और फायलोडी रोग फैलाता है। इसके उपचार के लिए 200 मिली लीटर मैलाथियान 50 ईसी को 200 लीटर पानी में मिलाकर दो बार, दो से तीन सप्ताह के अंदर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
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तिल फसल की बिजाई कर किसान मुनाफा कमा सकते हैं। तिल बिरानी व सिचित दोनों क्षेत्रों में होती है। बिरानी क्षेत्र में किसान मानसून की पहली बारिश होते ही तिल की बिजाई कर दें।
- डा. देवेंद्र जाखड़, सीनियर कोडिनेटर, कृषि विज्ञान केंद्र, सिरसा।