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नियमितीकरण की मांग को लेकर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने दिया धरना, अब उपमुख्यमंत्री आवास पर महापड़ाव का ऐलान

नियमित करने की मांग को लेकर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने रविवार

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Jun 2021 05:41 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jun 2021 05:41 AM (IST)
नियमितीकरण की मांग को लेकर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने दिया धरना, अब उपमुख्यमंत्री आवास पर महापड़ाव का ऐलान
नियमितीकरण की मांग को लेकर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने दिया धरना, अब उपमुख्यमंत्री आवास पर महापड़ाव का ऐलान

जागरण संवाददाता, सिरसा : नियमित करने की मांग को लेकर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने रविवार को लघु सचिवालय में धरना शुरू किया। ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन (सीटू) के बैनर तले कर्मचारियों ने धरना दिया और आगे की रणनीति तैयार की। लंबित मांगों को लेकर भी मंथन केयिा।

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रविवार को ग्रामीण सफाई कर्मचारी लघु सचिवालय पहुंचे और धरना दिया। सीटू के बैनर तले शुरू किए गए धरने में शामिल होने के लिए यूनियन के प्रदेश महासचिव विनोद कुमार पहुंचे। इस दौरान फैसला हुआ कि प्रदेश भर के सफाई कर्मचारी आगामी 17-18 जुलाई को उपमुख्यमंत्री आवास पर महापड़ाव डालेंगे। इस धरने की अध्यक्षता यूनियन के कार्यकारी प्रधान सुरेंद्र सिंह ने की। धरने को संबोधित करते हुए ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महासचिव विनोद कुमार ने कहा कि ग्रामीण सफाई कर्मियों की मांगों को लेकर 20 फरवरी को उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के साथ हुई वार्ता तथा उसके बाद 24 फरवरी को विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक रमेश चंद्र बिढ़ान के साथ हुई विस्तारित वार्ता में शहरी सफाई कर्मियों के बराबर वेतन देने, महंगाई भत्ता देने, झाड़ू, वर्दी धुलाई भत्ता तय करने, बाकी औजार बीडीपीओ ब्लाक से खरीदकर देने, कर्मचारी की नियुक्ति के लिए 2000 की जनसंख्या के पैमाने को कम करने सहित अनेक मसलों पर सहमति बनी थी तथा जल्द ही इन सभी मसलों के समाधान के लिए पत्र जारी करने की सहमति बनी थी। लेकिन सरकार ने उनका आज तक कोई समाधान नहीं किया गया।

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सरकार की घोषणाओं पर भी विश्वास नहीं

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि 4 अप्रैल 2021 को मुख्यमंत्री ने सफाई कर्मियों के लिए 14000 रुपये वेतन देने की जो घोषणा की है वह न्यायोचित नहीं है। क्योंकि 2013 में शहरी और ग्रामीण सफाई कर्मियों को बराबर वेतन मिलता था, जिसमें वर्तमान भाजपा सरकार ने गैर बराबरी पैदा की है। इस गैर बराबरी के खिलाफ समान काम समान वेतन के लिए लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई 1500 रुपये वेतन बढ़ोतरी, एक माह वेतन लेट होने पर 500 रुपये अतिरिक्त, साधारण मौत पर दो लाख, दुर्घटना में मौत होने पर पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा का आज तक भी उसका नोटिफिकेशन नहीं किया गया है। जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार इसको लंबा लटकाकर पैसा बचाना चाहती है। धरने को यूनियन के जिला कोषाध्यक्ष सोहनलाल, यूनियन नेता सुरेश कुमार, सुरेन्द्र सिंह, उषा देवी, सेमासिंह, कश्मीर सिंह सीटू जिला प्रधान कृपा शंकर त्रिपाठी व पूर्व छात्र नेता हमजिन्दर सिंह आदि नेताओं ने भी संबोधित किया।


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