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पापा की पिटाई के बाद 8 साल की बच्ची ने छोड़ा घर

डबवाली के बस स्टैंड पर बुधवार को रोते हुए घूम रही आठ साल की बच्ची को संभालते हुए जब लोगों ने उसके पिता का नाम पूछा तो बच्ची जोर-जोर से रोने लगी। कहने लगी मेरे पापा बहुत मारते हैं, मैं घर नहीं जाऊंगी। अंकल, मुझे चोरमार जाने वाली बस में बैठा दो। लड़की ने यह भी बताया कि वह गांव अलीकां की रहने वाली है। पापा ने उसे डंडों से पीटा है। वह कभी घर नहीं जाएगी। उसे गांव चोरमारखेड़ा में अपनी बुआ के पास जाना है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 09:15 AM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 09:15 AM (IST)
पापा की पिटाई के बाद 8 साल की बच्ची ने छोड़ा घर
पापा की पिटाई के बाद 8 साल की बच्ची ने छोड़ा घर

संवाद सहयोगी, डबवाली :

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डबवाली के बस स्टैंड पर बुधवार को रोते हुए घूम रही आठ साल की बच्ची को संभालते हुए जब लोगों ने उसके पिता का नाम पूछा तो बच्ची जोर-जोर से रोने लगी। कहने लगी मेरे पापा बहुत मारते हैं, मैं घर नहीं जाऊंगी। अंकल, मुझे चोरमार जाने वाली बस में बैठा दो। लड़की ने यह भी बताया कि वह गांव अलीकां की रहने वाली है। पापा ने उसे डंडों से पीटा है। वह कभी घर नहीं जाएगी। उसे गांव चोरमारखेड़ा में अपनी बुआ के पास जाना है।

मौके पर पुलिस पीसीआर पहुंच गई। गांव अलीकां के सरपंच प्रतिनिधि बलकरण ¨सह भी आ गए। बच्ची ने सरपंच प्रतिनिधि को बाप द्वारा मार-पिटाई करने की जानकारी दी। बच्ची के अनुसार आज उससे चीनी बिखर गई थी। उसके पिता ने उसे डंडों से पीटा। उसके हाथ में 100 रुपये देने के बाद घर से निकाल दिया। यह भी कहा कि वह वापस घर न आना। बच्ची अलीकां से करीब चार किलोमीटर पैदल डबवाली पहुंच गई। बलकरण ¨सह ने परिजनों को मौका पर बुलाया तो बच्ची की दादी, भाई तथा मामा उसे साथ गांव चोरमार ले गए। बलकरण ¨सह के अनुसार परिवार ने बच्ची को स्कूल से हटाकर घर बैठा लिया है। बृहस्पतिवार को बच्ची को पुन: स्कूल में दाखिल करवाया जाएगा। गांव में फिर ऐसी घटना न हो, इसके लिए मुनादी करवाकर पूरे गांव को सूचित किया जाएगा। संजीदा हुए हैं लोग

बेटियों के साथ द¨रदगी के मामले सामने आने के बाद लोग बेटियों के प्रति संजीदा हुए हैं। उपरोक्त बेटी को बस अड्डा पर अकेले पाकर एक ग्रामीण ने सूचना गुप्तचर विभाग में कार्यरत भोला ¨सह को दी थी। भोला ¨सह ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक सामाजिक संस्था के सदस्यों को मौका पर भेजा ताकि बच्ची सुरक्षित रहे। इसकी जानकारी पुलिस को दी। संस्था सदस्यों ने सरपंच प्रतिनिधि से संपर्क करके उसे सौंप दिया।


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