हिन्दी, संस्कृत की वजह से हरियाणा में डॉक्टरोंं को नहीं मिल रही नाैकरी
हिंदी और संस्कृत को भले ही हल्के में लिया जाता हो लेकिन हिंदी-संस्कृत के अभाव में प्रदेश के 44 डॉक्टरों को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में चल रही डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया के दौरान 50 डॉक्टरों के आवेदन स्वीकार ही नहीं किए।
सिरसा। हिंदी और संस्कृत को भले ही हल्के में लिया जाता हो लेकिन हिंदी-संस्कृत के अभाव में प्रदेश के 44 डॉक्टरों को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में चल रही डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया के दौरान 50 डॉक्टरों के आवेदन स्वीकार ही नहीं किए। इनमें से 44 डॉक्टरों के आवेदन केवल इसलिए अस्वीकार हो गए, क्योंकि उनके पास दसवीं कक्षा में हिंदी-संस्कृत नहीं थी। इनमें से अधिकतर चिकित्सक पंजाब के बताए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के लिए डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। साक्षात्कार प्रक्रिया से पहले इच्छुक डॉक्टरों से आवेदन आमंत्रित किए गए। लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने 50 आवेदनकर्ता डॉक्टरों के आवेदन ‘अस्वीकार’ कर दिए। इनमें से 44 डॉक्टरों के आवेदन इसलिए अस्वीकार किए गए क्योंकि उनके पास दसवीं में हिंदी-संस्कृत विषय नहींथा।
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अनिवार्य हिंदी-संस्कृत का प्रावधान :
सूत्र बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग का नियम है कि हरियाणा में मेडिकल ऑफिसर पद पर भर्ती के लिए डॉक्टरों को दसवीं कक्षा में हिंदी या संस्कृत में से एक विषय पढ़ना जरूरी है।
आवेदन की संख्या बढ़ी, मिल सकते हैं डॉक्टर :
भले ही स्वास्थ्य विभाग ने 50 आवेदनकर्ताओं के आवेदन अस्वीकार कर दिए हों लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सूत्र बताते हैं कि इस बार खाली पदों से करीब तीन गुणा आवेदन पहुंचे हैं। इसलिए संभावना है कि खाली पदों पर डॉक्टरों की भर्ती हो जाएगी।
अस्वीकार करने के कारण
आवेदन संख्या अस्वीकारका कारण
01 ओवर एज
05 निर्धारित अवधि के बाद आवेदन
44 हिंदी-संस्कृत विषय नहीं