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एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने के 12 घंटे बाद पब्लिक हेल्थ ने निकाला शव

नटार गांव में सीवरेज लाइन में गिरे 25 वर्षीय संदीप उर्फ काला सिंह क

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 10:59 AM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 10:59 AM (IST)
एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने के 12 घंटे बाद पब्लिक हेल्थ ने निकाला शव
एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने के 12 घंटे बाद पब्लिक हेल्थ ने निकाला शव

जागरण संवाददाता, सिरसा : नटार गांव में सीवरेज लाइन में गिरे 25 वर्षीय संदीप उर्फ काला सिंह का शव दसवें दिन सीवरेज लाइन में चौथे मैनहोल के पास गाद में फंसा हुआ मिला है। आर्मी और एनडीआरएफ की टीम यहां रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लौट गई और इसके 12 घंटे बाद पब्लिक हेल्थ के कर्मचारियों ने गाद में फंसे शव को मलबे के साथ बाहर निकाल लिया। ऑपरेशन बंद करने से पहले प्रशासन ने बकेट मशीन से लाइन में बचे शेष मलबे को बाहर निकालने का काम शुरू हुआ। इसी दौरान ग्रामीणों ने भी बोरवेल मशीन के सहारे लाइन से गाद निकालने का काम जारी रखा। गत 12 अगस्त को सीवरेज लाइन से जुड़े पाइप में पानी नहीं पहुंचा तो संदीप व पूर्ण सिंह इसकी जांच करने पहुंचे। मैनहोल में उतरा संदीप जहरीले गैस के प्रभाव से बेहोश हो गया। इसी दौरान सीवरेज लाइन के बाहर खड़े पूर्ण सिंह ने शोर मचाया और खुद ही काला सिंह को बचाने के लिए मैनहोल में उतर गया। शोर सुनकर ग्रामीण पहुंचे तो पूर्ण को बाहर निकाल लिया गया लेकिन संदीप उर्फ काला पानी में बह गया। सरिये के सहारे संदीप को निकालने का हुआ था प्रयास

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ग्रामीणों ने प्रशासन को बताया कि पूर्ण को निकालने के साथ ही एक लोहे के सरिये को मोड़कर संदीप को निकालने का प्रयास हुआ। थोड़ा सा ऊपर भी आया लेकिन इसी दौरान सरिया सीधा हो गया और संदीप वापस पानी में जा गिरा। तेज बहाव के साथ सीवरेज लाइन में चला गया। बुधवार की रात्रि को गिरने के साथ ही प्रशासन ने रेस्क्यू आपरेशन किया। अगली सुबह आर्मी की टीम भी सिरसा पहुंच गई और रेस्क्यू आपरेशन में लग गई लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। आर्मी के लौटते ही प्रशासन ने एनडीआरएफ टीम को रात्रि को ही बुला लिया। लोहे के शिकंजे से लाइन को साफ करने का हुआ प्रयास

गहरी सीवरेज लाइन में गाद भरी हुई है। प्रशासन ने पहले डेढ़ किमी की दूरी तक सभी मैनहोल की जांच की। एक-एक मैनहोल की हर रोज बार-बार जांच हुई लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। इसके बाद पहले रस्से को लाइन के अंदर से खींचा गया बाद में लोहे के जाल को कई बार लाइन में खींचा गया। हर बार कचरा तो निकला लेकिन संदीप का सुराग नहीं लगा। इसके बाद प्रशासन ने मलबा निकालने के लिए मशीनें लगाई गई लेकिन कामयाबी फिर भी हाथ नहीं लगी। पहले तीन लाइनों पर रहा अधिक फोकस

प्रशासन ने पहले तीन मैनहोल पर अधिक फोकस रखा और बार-बार इन्हीं पर सर्च आपरेशन चलाया गया। हालांकि कई बार पूरी लाइन की भी जांच हुई लेकिन थोड़ा बहुत कचरा निकलकर रह गया। इसके बाद ट्रीटमेंट प्लांट तक सर्च आपरेशन भी चलाया गया। तहसीलदार बोले : चौथी लाइन पर कुछ शक, यहीं करेंगे तलाश

प्रशासन ने दोपहर बाद कोई सुराग न मिलने पर तहसीलदार से रिपोर्ट मांगी। तहसीलदार ने कहा कि पहले तीन लाइनों का पूरा मलबा निकल गया। चौथे प्वाइंट पर मलबा अधिक है। संभावना यहीं अधिक है, आज का सर्च आपरेशन यहीं रखते हैं। यहां बोरवेल मशीन के सहारे जाल को खींचा गया तो मैनहोल में उतरे कर्मचारियों को कुछ शक हो गया और फिर रस्से के सहारे मलबे को धीरे-धीरे खींचा जाने लगा। इसी प्वाइंट पर संदीप का शव बरामद हुआ। दूसरे किसान की अस्पताल में हुई थी मौत

संदीप को बचाने के लिए मैनहोल में उतरे 45 वर्षीय पूर्ण सिंह को ग्रामीणों ने कुछ देर बाद ही बाहर निकाल लिया था। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया। दो दिन तक संघर्ष करने के बाद पूर्ण सिंह जिदगी की जंग हार गया और अपने पीछे दो बेटी, एक बेटा तथा पत्नी को छोड़ गया। संदीप के परिवार में बुजुर्ग पिता के अलावा पत्नी व डेढ़ वर्षीय बच्ची है। ग्रामीणों के अनुसार दोनों ही ठेके पर जमीन लेकर खेती करते थे। प्रशासन ने बीच में नहीं रोका रेस्क्यू आपरेशन

लगातार खोजबीन के बावजूद जब कुछ भी हाथ नहीं लग रहा था तो भी प्रशासन ने रेस्क्यू आपरेशन को नहीं रोका और इसे दिन-रात जारी रखा। देश की सर्वोच्च आपदा प्रबंधन से जुड़ी एजेंसी एनडीआरएफ को भी सिरसा बुलाया और छह दिन तक एनडीआरएफ ने भी यहां अभियान चलाया। संदीप का सुराग मिलने की उम्मीद छोड़कर एनडीआरएफ टीम लौट गई। इसके बावजूद भी अभियान जारी रहा। आधुनिक के साथ देशी तकनीक अपनाने से भी नहीं चूका प्रशासन

संदीप का सुराग लगाने के लिए प्रशासन ने जहां रोबोटिक मशीन व विशेष उपकरण मंगवाए वहीं सीवरेज से संबंधित बड़ी मशीनें भी यहां लाई गई। इसके अलावा देशी तकनीक का भी सहारा लिया गया। हांसी से कुईं साफ करने वाली मशीन मंगवाई गई वहीं बोरिग करने वाली मशीन से मलबे को शिकंजे के सहारे भी खींचा गया। शुक्रवार को भी दो बोरिग मशीन से मलबा निकालने का काम जारी रखा गया। मिशन में जहरीली गैस बनी रुकावट

56 इंची पाइप लाइन में जब पानी का बहाव कम करने के साथ ही सीवरेज लाइन में जहरीली गैसों का स्तर अचानक बढ़ जाता। सामान्यत: पांच फीसद जहरीली गैस में मास्क व ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे प्रशिक्षित स्टाफ काम कर सकता है लेकिन यहां जहरीली गैस का स्तर 215 तक पहुंच गया जबकि 108 से नीचे तो रहा ही नहीं। दो दिन से जहरीली गैस का स्तर 70 से 80 के बीच रहा। इसीलिए मैनहोल में कर्मचारी कई देर तक तलाश करने में सफल रहे। चौथे मैनहोल के समीप सीवरेज लाइन से संदीप का शव मिला है। मलबे के साथ लोहे के जाल के सहारे शव मैनहोल तक पहुंच गया और फिर उसे बाहर निकाल लिया गया। शव को नागरिक अस्पताल भिजवा दिया गया है। इसी लाइन में गिरे पूर्ण सिंह को ग्रामीणों ने मौके पर निकाल लिया था लेकिन उसकी अस्पताल में मौत हो गई थी।

श्रीनिवास, तहसीलदार सिरसा


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