कैशबैक ठगी मामले में चार सेल्युलर कंपनियों को पुलिस ने भेजे जांच में शामिल होने के नोटिस
कैशबैक ठगी मामले में सीआइए की जांच के दायरे में अब सेल्युलर कंपनियां आ गई हैं। चार कंपनियों को नोटिस भेजकर जांच में शामिल होने को कहा गया है।
जागरण संवाददाता, सिरसा : कैशबैक ठगी मामले में सीआइए की जांच के दायरे में अब सेल्युलर कंपनियां आ गई हैं। चार कंपनियों को नोटिस भेजकर जांच में शामिल होने को कहा गया है। कंपनियों को भेजे नोटिस में कहा गया है कि इतनी बड़ी मात्रा में सिम एक्टिव कैसे हुए और इसमें कंपनी की जिम्मेदारी क्या है। नोटिस में ऑनलाइन ठगी से जुड़े दो गिरोहों से बरामद चार हजार सिमों का उल्लेख किया गया है और अलग-अलग कंपनियों को भेजे नोटिस में उनसे संबंधित सिम पर जवाब मांगा गया है। कैशबैक से जुड़ी एप में करते थे ठगी
नवंबर में डिग मंडी व शेरपुरा में कैशबैक के नाम पर धोखाधड़ी के मामले का सीआइए ने खुलासा किया था। पूछताछ में सामने आया कि कैशबैक का लाभ लेने के लिए हजारों सिम प्रयोग किए जा रहे हैं। एप पर एक माह में कैश बैक का लाभ एक सिम पर केवल एक बार ही मिलता है। इसलिए बार-बार अलग नंबर प्रयोग किए जा रहे थे। जांच में यह भी सामने आया कि अलग-अलग कैश काउंटरों से कैश लेकर उनकी राशि एप के माध्यम से उनके खाते में डाल दी जाती और कैश बैक का लाभ गलत ढंग से लिया जाता। पुलिस ने दोनों गिरोहों से जुड़े 17 लोगों को गिरफ्तार किया। चार हजार के करीब एक्टिव सिम भी बरामद किए थे। फर्जी सिमों के तार पंजाब के जलालाबाद से भी जुड़े और कुछ व्यक्तियों का नाम सामने आया जो हजारों एक्टिव सिम उपलब्ध करवा रहे हैं। पुलिस का सवाल-गड़बड़ी किस स्तर पर बताएगी कंपनी
इस मामले में पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि इतनी बड़ी मात्रा में सिम कैसे एक्टिवेट हुए। आम आदमी जब सिम लेता है तो सभी औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं और उसमें समय लगता है। तो इतने बड़े स्तर पर सिम एक्टिवेट कौन कर रहा है और कंपनी इनकी जांच क्यों नहीं कर सकी। कैश बैक ठगी मामले में पुलिस जांच कर रही है। जांच में जो भी नए नाम सामने आ रहे हैं उन्हें नोटिस दे रहे हैं। इस मामले में 13 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। चार हजार के करीब सिम बरामद हुए थे।
इंस्पेक्टर नरेश कुमार, प्रभारी सीआइए, सिरसा।