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सामूहिक अवकाश पर रहे फार्मासिस्ट, की नारेबाजी

एसोसिएशन गवर्नमेंट फार्मासिस्ट ऑफ हरियाणा के आह्वान पर सोमवार

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 01:18 AM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 06:43 AM (IST)
सामूहिक अवकाश पर रहे फार्मासिस्ट, की नारेबाजी
सामूहिक अवकाश पर रहे फार्मासिस्ट, की नारेबाजी

जागरण संवाददाता, सिरसा : एसोसिएशन गवर्नमेंट फार्मासिस्ट ऑफ हरियाणा के आह्वान पर सोमवार को प्रदेशभर के फार्मासिस्ट ने सामूहिक अवकाश लेकर सरकार द्वारा की जा रही अनदेखी पर रोष जताया। नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्ट ने एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस मौके पर राज्य प्रधान विनोद दलाल ने कहा कि फार्मासिस्ट स्वास्थ्य संस्था की रीढ़ होता है। उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट अपने कार्य के साथ-साथ हर तरह की जिम्मेदारी का निर्वहन बेहतरीन तरीके से करता है, चाहे वो डाक्टर की अनुपस्थिति में संस्था के इंचार्ज का कार्य हो, चाहे जन्म मृत्यु रिकॉर्ड के रजिस्ट्रार का कार्य हो। पोस्टमार्टम हो या टीबी, हेपेटाइटिस बी व सी के मरीजों की दवा, रजिस्ट्रेशन, जब भी कोई संस्था में ज्यादा जिम्मेदारी वाला कार्य हो, सबको फार्मासिस्ट ही याद आता है।

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राजपत्रित फार्मासिस्ट का वेतनमान 4200 होना सिस्टम के निद्रालीन होना दर्शाता है

उन्होंने इसे विडंबना बताया कि जब हक देने की बात आती है तो पीछे धकेल दिया जाता है। राजपत्रित फार्मासिस्ट का वेतनमान 4200 होना सिस्टम के निद्रालीन होना दर्शाता है। फार्मासिस्ट केटेगरी जो सभ्य मानी जाती है, जनता की सेवा में विश्वास रखती है उसे पीछे धकेल दिया जाता है। सरकार ने समान पैरा मेडिकल केटेगरी का वेतनमान 4600 ग्रेड पे कर दिया है वहीं फार्मासिस्ट को 4200 पर ही रख दिया है जो इस वर्ग का सरासर सम्मानहरण है। जिला प्रधान राम किशन कंबोज ने कहा कि फार्मासिस्ट के ग्रेड पे 4600 पर मुख्यमंत्री व स्वास्थ्यमंत्री ने पूर्णत: सहमति जताते हुए स्वीकृति प्रदान कर दी है पर वित्त विभाग उदासीन रवैया अपनाकर फार्मासिस्ट वर्ग को आंदोलन पर मजबूर कर रहा है।

दलाल ने सरकार को स्पष्ट शब्दों में चेताया कि अगर सरकार जल्द हमारी मांग पर संज्ञान नहीं लेती है तो फार्मासिस्ट एसोसिएशन जल्द अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा से पीछे नहीं हटेगा।

मरीजों की लगी लंबी लाइन

फार्मासिस्ट वर्ग के सामूहिक अवकाश की वजह से अस्पताल में मरीजों को दवाई लेने में परेशानी झेलनी पड़ी। फार्मासिस्ट की गैरहाजिरी में नर्सिंग व ट्रेनी स्टाफ ने दवाइयां दी। फार्मासिस्ट वर्ग ने धरने के दौरान सभी मरीजों से क्षमा मांगते हुए कहा कि सरकार उन्हें ऐसा करने पर मजबूर कर रही है। हालांकि फार्मासिस्ट वर्ग ने पोस्टमॉर्टम में अपनी ड्यूटी निभाई।


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