समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों का किया जा रहा समग्र विकास
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की समावेशी शिक्षा योजना के त
जागरण संवाददाता, सिरसा : हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की समावेशी शिक्षा योजना के तहत जिले के दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ उन्हें सामान्य बच्चों के समान अवसर उपलब्ध करवाते हुए उनके समग्र विकास की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। योजना के अंतर्गत दिव्यांग बच्चों को विभिन्न भत्तों के रूप में आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। जिले के 2307 दिव्यांग बच्चों को योजना के तहत वित्त वर्ष 2019-20 में 18 लाख 33 हजार रुपये की राशि भत्तों के रूप में प्रदान की है।
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि दिव्यांग बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा (इनक्ल्यूसिव एजूकेशन फॉर डिसेबल चिल्ड्रन) योजना के अंतर्गत जिले के सभी सातों खंडों में रिसोर्स सेंटर कार्यरत हैं। ये रिसोर्स सेंटर सरकारी स्कूलों में ही स्थापित किए गए हैं। रिसोर्स सेंटर सिरसा में राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल, रानियां के राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल, ऐलनाबाद में राजकीय(लड़के) सीनियर सेकेंडरी स्कूल, चौपटा में राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल, डबवाली में राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, ओढ़ां में राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल तथा बडागुढा में राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में रिसोर्स सेंटर स्थापित हैं।
--------------
विभिन्न भत्तों के रूप में दी 18 लाख से अधिक की आर्थिक सहायता
जिला परियोजना अधिकारी पवन सुथार ने बताया कि समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को शैक्षणिक सुविधाओं के साथ-साथ विभिन्न भत्तों के रूप में आर्थिक सहायता भी दी जाती है। उन्होंने बताया कि दिव्यांग बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं में स्थाई फंड, होम बेस्ड अलाउंस, रीडर भत्ता आदि दिया जाता है। इसके अलावा विभिन्न खेल गतिविधियां भी करवाई जाती है, जिनमें लूडो चेस, सांप सीढ़ी, बॉल साउंड आदि खेल शामिल हैं।
--------
हुनर के तहत दिव्यांगों को बनाया जाता है रोजगारपरक :
सहायक परियोजना अधिकारी गोपाल कृष्ण ने बताया कि समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को रोजगारपरक परीक्षण भी दिया जाता है। इस प्रोजेक्ट को हुनर नाम दिया गया है। हुनर के तहत 50 बच्चों का चयन कर उन्हें अगरबत्ती, प्रफ्यूम के वोकेशनल कोर्स करवाए जाते हैं, ताकि वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने बताया कि समावेशी शिक्षा के तहत समय-समय पर मेडिकल कैंप लगाकर दिव्यांग बच्चों का मेडिकल चेकअप किया जाता है। जिस दिव्यांग के ठीक होने की संभावना होती है, उसकी सर्जरी का पूरा खर्च वहन करते हुए पूरा इलाज करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि मेडिकल में जरूरत अनुसार दिव्यांग बच्चों को श्रवण यंत्र, बैसाखी, केलिपर, ट्राई साईकिल आदि दी जाती हैं।