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भूजल पर निर्भर हैं 50 फीसद खेती, हरियाणा में लागू हो राइट ऑफ वे एक्ट

संवाद सहयोगी, डबवाली : पूर्व उपप्रधानमंत्री दिवंगत देवीलाल के पौत्र आदित्य देवीलाल ने पंजाब की तर्ज

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 11:00 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 11:00 PM (IST)
भूजल पर निर्भर हैं 50 फीसद खेती, हरियाणा में लागू हो राइट ऑफ वे एक्ट
भूजल पर निर्भर हैं 50 फीसद खेती, हरियाणा में लागू हो राइट ऑफ वे एक्ट

संवाद सहयोगी, डबवाली :

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पूर्व उपप्रधानमंत्री दिवंगत देवीलाल के पौत्र आदित्य देवीलाल ने पंजाब की तर्ज पर राइट ऑफ वे एक्ट लागू करने की मांग की है। उनके अनुसार हरियाणा विधानसभा में एक्ट पारित होने से राज्य के हजारों किसानों को फायदा होगा। आदित्य के अनुसार द पंजाब लैंड इंप्रूवमेंट स्कीम (संशोधन) एक्ट 2017 के तहत पंजाब सरकार ने किसानों को सहूलियत दी हुई है। एक्ट के सहारे पंजाब के किसान आबाद तथा खुशहाल हैं। एक्ट को प्रदेश में लागू करवाने के लिए आदित्य पिछले सात माह से मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा ¨सचाई मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ से संपर्क साधे हुए हैं।

आदित्य का कहना है कि पंजाब में नदियों के जल की बहुलता के बावजूद किसान हित में पंजाब सरकार ने कदम उठाया है। हरियाणा अभी भी जल बंटवारे का अपना पूरा हिस्सा प्राप्त नहीं कर पाया है। पानी की कम उपलब्धता के कारण किसान भूजल पर निर्भर होकर खेती कर रहा है। लाखों रुपये लगाकार कई किलोमीटर जमीन से 3 फुट नीचे पाइप दबाकर अपने खेत तक पानी लाने के लिए कड़ा परिश्रम कर रहा है। इसके बावजूद अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पड़ोसी किसान अपने खेत से पाइप लाइन नहीं गुजारने देता है, पाइपलाइन वाले किसान से फ्री आउटलेट की मांग की जाती है। मजबूरीवश पाइपलाइन लेजाने वाले किसान को मानना पड़ता है। क्योंकि उसके पास ऐसा कोई कानून या प्रावधान नहीं है, जिसके तहत यह पाइपलाइन ले जा सकें। उपरोक्त एक्ट लागू होने से परेशानियों का अंत हो जाएगा। कर्ज लेकर पाइप लाइन बिछाते हैं

भाजपा नेता आदित्य के अनुसार किसान कर्ज लेकर दूर दराज से पाइपलाइन डालते हैं। उसमें भी बीच में पडऩे वाले भूमि के मालिकों को फ्री आऊटलेट अपने खर्चे पर देना पड़ता है। संबंधित किसान का आर्थिक तथा मानसिक शोषण हो रहा है। ऐसे किसानों की संख्या प्रदेश में 50 फीसद से अधिक है। ऐसे किसानों को राइट ऑफ वे लागू करके उभारा जा सकता है। यह होगा फायदा

नहर से दूर बैठे किसान खेत तक पानी लेजाने के लिए नहर के किनारे जमीन खरीदते हैं। वहां ट्यूबवेल लगाकर पाइप लाइन खेत तक ले जाते हैं। राइट ऑफ वे लागू होने के बाद अगर कोई किसान की पाइप उखाड़ता है तो संबंधित को किसान की फसल तथा पाइप नुकसान का पूरा हर्जाना देना होगा। मैंने सरकार से बात की है। बहुत से किसानों को सीधा फायदा होगा। किसान की दशा सुधारने के लिए सरकार गंभीर है। उम्मीद है कि विधानसभा सत्र में यह प्रस्ताव पारित होगा।

-आदित्य देवीलाल, वरिष्ठ भाजपा नेता


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