समर्थन मूल्य से कम बिक रहा नरमा, फिर भी पिछले वर्ष से ज्यादा हुई खरीद
डबवाली में कॉटन समर्थन मूल्य 5450 से कम बिक रही है इसके बावजूद किस
संवाद सहयोगी, डबवाली : डबवाली में कॉटन समर्थन मूल्य 5450 से कम बिक रही है इसके बावजूद किसान कॉटन बेचने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। मार्केट कमेटी डबवाली के आंकड़ों पर गौर करें तो 26 नवंबर तक 1 लाख 4 हजार 501 क्विंटल कॉटन बिक चुकी है। जबकि इसी तिथि तक पिछले वर्ष 79 हजार 218 क्विंटल कॉटन मंडी में पहुंची थी। आंकड़ों के मुताबिक कह सकते हैं कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार 25 हजार 283 क्विंटल कॉटन अधिक मंडी में पहुंची है। 5595 रुपये तक बिकी कॉटन
मार्केट कमेटी के अनुसार सितंबर माह में एक दिन ऐसा भी था जब कॉटन की सर्वाधिक बोली लगी। 18 सितंबर को कॉटन 5595 रुपये प्रति क्विंटल बिकी थी। तो वहीं एक दिन ऐसा भी था, जब सबसे न्यूनतम मूल्य मिला। बताया जाता है कि 25 अक्तूबर को कॉटन 4500 रुपये प्रति क्विंटल बिकी थी। सस्ते भाव पर कॉटन बेचने को मजबूर हुआ किसान
सरकार से नाउम्मीद होने के बाद मजबूरीवश किसान कम मूल्य पर कॉटन बेच रहा है। चूंकि उसने नई फसल की बिजाई करनी है। परिवार का खर्च वहन करना है। वर्ष 2014 के बाद सीसीआइ ने डबवाली में कॉटन खरीद नहीं की। इसके लिए पूरी तरह से मार्केट कमेटी, व्यापारी जिम्मेवार हैं। तो कुछ हद तक किसान भी दोषी हैं। व्यापारी किसानों को बरगलाकर उनकी फसल को बाहर की बाहर बेच देते हैं। इस वजह से कॉटन मंडी में नहीं पहुंचती। मार्केट कमेटी सीसीआइ को आंकड़े उपलब्ध नहीं करवाती। कृषि विभाग तथा मार्केट कमेटी की संयुक्त जिम्मेवारी तय की जाए तो किसान को लाभ होगा।
-मिट्ठू कंबोज, किसान नेता, डबवाली