दो दशक पहले पेयजल लाइन पर लगा दिए पौधे, अब उनकी जड़ें हर रोज तोड़ रही लाइन
उपमंडल नागरिक अस्पताल में पेयजल तथा पेयजल सिस्टम गड़बड़ा गया है। दरअस
संवाद सहयोगी, डबवाली : उपमंडल नागरिक अस्पताल में पेयजल तथा पेयजल सिस्टम गड़बड़ा गया है। दरअसल, डबवाली अग्निकांड में काल का ग्रास बने लोगों की स्मृति में 1995 में डबवाली में 100 बेडिड अस्पताल मंजूर हुआ था। करीब 60 बेड क्षमता का भवन तैयार होने के बाद अस्पताल शुरू हो गया था। आवासीय कॉलोनी के नजदीक पेयजल लाइन के ऊपर ही पौधारोपण कर दिया गया। किसी के ध्यान में यह नहीं आया कि पौधा बड़ा होकर पेयजल लाइन को नुकसान पहुंचा सकता है। उस लापरवाही की वजह से आज पेड़ों की जड़ें सीमेंटड पाइप लाइन के टूटने का कारण बन रही हैं। वहीं पाइप लाइन की वजह से हरे-भरे पेड़ उखड़कर गिर रहे हैं। आलम यह है कि पुराने ढर्रे में आई खराबी की वजह से अस्पताल में पिछले तीन दिनों से पेयजल नहीं है। यहां मरीज परेशानी झेल रहे हैं तो वहीं आवासीय कॉलोनी में डाक्टर तथा अन्य स्टाफ मुश्किलों का सामना कर रहा है।
इस सिस्टम को सही करने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग ने 2.18 करोड़ रुपये मांगे हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने चुप्पी साध ली है, लेकिन सिस्टम में सुधार होना आवश्यक है। चूंकि अस्पताल 100 बेड का हो चुका है। नए भवन का कनेक्शन पुराने सिस्टम से जोड़ा गया है। सिस्टम चलने लायक नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारियों ने फाइल उच्च अधिकारियों के पास सरका दी है। देखना दिलचस्प होगा कि उच्च अधिकारी उपरोक्त प्रॉजेक्ट को मंजूरी देकर बरसों पहले बरती गई लापरवाही का हल करेंगे या फिर सिस्टम को राम भरोसे छोड़ देंगे।
वृक्ष पाइप लाइन के ऊपर लगे हुए हैं। जिस वजह से बार-बार पेयजल पाइप टूटती है। उसे ठीक करवाते हैं तो कहीं ओर लीकेज शुरू हो जाती है। वृक्षों की जड़ों की वजह से लाइन बिल्कुल खराब हो चुकी है। नई पेयजल लाइन के लिए जनस्वास्थ्य विभाग को लिखा गया था, साथ ही बदहाल हो चुकी सीवरेज लाइन को बदलने की मांग की गई थी। जनस्वास्थ्य विभाग ने 2.18 करोड़ रुपये का एस्टीमेट बनाकर थमा दिया। जिसे मंजूरी के लिए उच्च अधिकारियों के पास भेजा गया है। हां, अस्पताल में दोनों लाइन बदलने की आवश्यकता है। क्योंकि नया भवन शुरू होने के बाद समस्या गहरा जाएगी।
-एमके भादू, एसएमओ, उपमंडल नागरिक अस्पताल, डबवाली