60 हजार से ज्यादा ट्यूबवेल दिन-रात उगल रहे हैं पानी
जिले का भूमिगत जलस्तर तेजी से गिर रहा है। जिसका सबसे बड़ा भूमिगत
जागरण संवाददाता, सिरसा : जिले का भूमिगत जलस्तर तेजी से गिर रहा है। जिसका सबसे बड़ा भूमिगत पानी को दोहन है। किसान धान के सीजन में फसल पकाने के लिए दिनरात ट्यूबवेल चलाकर सिचाई करते हैं। जिसके कारण ही हर वर्ष भूमि जलस्तर गिर रहा है। जिले में करीब 60 हजार ट्यूबवेल कनेक्शन किसानों ने लिए हुए हैं। जिले भूमिगत जलस्तर 22.58 तक पहुंच गया है।
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भूजल रिचार्ज के नहीं उचित प्रबंध
ट्यूबवेल भूजल स्तर को गिराने में सबसे बड़ा कारण बन रहे हैं। किसानों द्वारा लगाए गये कई ट्यूबवेल ने पानी देना भी बंद कर दिया है। जिस पर किसान दूसरी जगह बोर कर ट्यूबवेल लगा लेते हैं। सिचाई के लिए पानी निकालने के लिए तो हजारों की संख्या में टयूबवेल चल रहे है। लेकिन भूजल को रिचार्ज करने के लिए केवल 36 हार्वेस्टिग सिस्टम लगाए है। बारिश के मौसम पानी व्यर्थ बहता रहता है। अगर इस पानी को भूमिगत किया जाता है तो भूमिगत जलस्तर सुधारने में काफी मदद मिलेगी।
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धान की फसल तैयार करने में बार बार सिचाई करनी पड़ती है। किसान दूसरी फसल बिजाई करें। इससे भूमिगत जलसुधार में मदद मिलेगी। किसान बरसात के पानी का भी अधिक उपयोग करने के लिए डिग्गी बना सकते है। पानी की बचत करना जरूरी है।
डा. बाबूलाल, उपनिदेशक, कृषि विभाग, सिरसा