फैलोशिप के नियम बदलने के विरोध में शोधार्थियों ने सौंपा कुलपति को ज्ञापन
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्र
जागरण संवाददाता, सिरसा :
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कायत को रेखा रानी के नेतृत्व में राजीव गांधी नेशनल फैलोशिप के बदले हुए नियमों के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने आरजीएनएफ का नाम बदलकर नेशनल फेलोशिप टू शेड्यूल्ड कास्ट कर दिया है। उसके नियमों में संशोधन करके फैलोशिप लाभार्थियों तक इसकी पहुंच को समाप्त कर दिया है। नए नियमों के चलते देश भर के अनुसूचित जाति के 2000 विद्यार्थियों के लिए शोध क्षेत्र में आने का रास्ता सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की शोधार्थी रेखा रानी ने बताया कि 2 वर्ष हो गए हैं यूजीसी द्वारा राजीव गांधी नेशनल फैलोशिप के फॉर्म ही नहीं निकाले गए हैं तथा पुराने दिशा-निर्देशों में आए दिन संशोधन किया जा रहा है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा यह नई गाइड लाइन यूजीसी के सचिव को भेजी गई है। इस नई गाइड लाइन में फेलोशिप की आत्मा को ही समाप्त करने का प्रयास किया गया है। पहले तो राजीव गांधी नेशनल फेलोशिप के लिए यह शर्त रखी गई है कि वह उम्मीदवार यूजीसी नेट जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण किया हुआ। गौर करने वाली बात यह है कि जो विद्यार्थी जेआरएफ की परीक्षा में उत्तीर्ण हो गया उसे आरजीएनएफ के द्वारा शोध क्षेत्र में आने की जरूरत ही नहीं है। वह उसी परीक्षा से शोध क्षेत्र में जा सकता है। शोधार्थियों ने सरकार से मांग की है कि फैलोशिप के पुराने दिशा निर्देशों को लागू किया जाए। इस अवसर पर शोधार्थी विनीता, सुनीता, हंसदीन, सिकंदर, रामलाल, नरेंद्र, विरेंद्र आदि मौजूद रहे।