लोहगढ़ मंडी में निरीक्षक और किसान में विवाद, एएफएसओ बोले-किसान निर्दोष, निरीक्षक ने बताया तक नहीं
डबवाली लोहगढ़ मंडी में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निरीक्षक और किसान के बीच
संवाद सहयोगी, डबवाली : लोहगढ़ मंडी में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निरीक्षक और किसान के बीच विवाद होने का मामला सामने आया है। विवाद अनाज की खरीद पर हुआ। किसान बोहड़ सिंह ने मंडी में अनाज ढेरी किया था। मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण के आधार पर मिले टोकन से आढ़ती फर्म सचदेवा ब्रदर्स ने उसका अनाज करीब 400 कट्टों में भर दिया। निरीक्षक बलकरण सिंह ने 200 बैग खाली करने के आदेश आढ़ती फर्म के मुनीम को दिए। आरोप लगाया कि कट्टों में भरा अनाज भीगा हुआ है। किसान ने विरोध करते हुए अनाज की जांच करने की मांग उठाई तो निरीक्षक के साथ तनातनी हो गई। बोहड़ सिंह ने कहा कि एजेंसी अनाज का सैंपल लेकर नमी की जांच करवाए। अगर तय मापदंडों से नमी अधिक आती है तो उसका अनाज रिजेक्ट किया जाए। निरीक्षक ने दूसरा आरोप लगाया कि वह किसी अन्य किसान की फसल लेकर आया है। किसान ने 60 एकड़ का पंजीकरण होने की बात कही तो विवाद बढ़ गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने दोनों को छुड़वाया। बता दें, लोहगढ़ मंडी राजस्थान से सटी हरियाणा की पहली ग्रामीण मंडी है।
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किसान का आरोप-निरीक्षक कहता है मुंह मीठा करवा दो
किसान बोहड़ सिंह का आरोप है कि लोहगढ़ खरीद केंद्र पर खरीद एजेंसी का अधिकारी सरेआम रिश्वत मांगता है। कहता है मुंह मीठा करवा दो। इसलिए आढ़ती तथा किसान को बेवजह परेशान करता है। किसान ने आरोप लगाया कि जिसके साथ सेटिग हो जाती है, उस आढ़ती फर्म के किसान को परेशान नहीं किया जाता। किसान गुरतेज सिंह लोहगढ़ ने आरोप लगाया कि वह 15 अप्रैल को अनाज लेकर आया था। 16 को बारिश आ गई। उस दिन तौल बंद रहा। अधिकारी आकर मंडी में कह गया कि शनिवार-रविवार को तौल नहीं होगा। इसके बावजूद तौल चलता रहा। यह सेटिग नहीं तो क्या है।
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पांच रात मंडी में बितानी पड़ी
इधर जोतांवाली गांव के किसान रामकुमार ने बताया कि वह 13 अप्रैल को अनाज लेकर आया था। उसे बेवजह परेशान किया गया। अनाज में कचरा मिक्स होने की बात कहकर अनाज वापस ले जाने के लिए कहा। उसके पास 50 एकड़ जमीन है। इस बार झाड़ 17 क्विटल प्रति एकड़ हुआ है। पिछली बार से आठ एकड़ कम है। वहीं मंडी में एजेंसी अधिकारी परेशान कर रहे हैं। वह पांच रात मंडी में बिता चुका है।
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लोहगढ़ मंडी में निरीक्षक बलकरण तथा किसान के बीच विवाद होना बहुत गलत है। निरीक्षक ने मुझे इसकी जानकारी तक नहीं दी। उसने मोबाइल स्विच ऑफ कर रखा है। अगर भीगे अनाज को कट्टों में भर दिया गया था तो निरीक्षक को जांच करवानी चाहिए थी। अगर नमी अधिक मिलती तो जिम्मेवार आढ़ती था। उसके खिलाफ कार्रवाई बनती थी। निरीक्षक को किसान से उलझना नहीं चाहिए था। किसान या आढ़ती ने रिश्वत मांगने संबंधी कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। शिकायत आती है तो मामले की जांच करेंगे।
-कर्ण सिंह, सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी, डबवाली।