हनीप्रीत की गिरफ्तारी से डेरा प्रबंधन की बढ़ेंगी मुश्किलें
हनीप्रीत की गिरफ्तारी से सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधन की मुश्किल बढ़ सकती है। हनीप्रीत के पुलिस के दिए बयान डेरा प्रबंधन काे सवाल के घेरे में खड़ा कर सकते हैं।
जेएनएन, सिरसा। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गोद ली बेटी हनीप्रीत की गिरफ्तारी से डेरा प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। हनीप्रीत के पुलिस को दिए बयान पूरे डेरा प्रबंधन को कानूनी दांव पेंच में उलझा सकते हैं। अब डेरा प्रबंधन के सामने भी हनीप्रीत की गिरफ्तारी के साथ कई सवालों के जवाब देना मुश्किल भरा होगा।
डेरा के संपर्क में हनीप्रीत के रहने के दावों के चलते चेयरपर्सन विपसना व सीनियर वाइस चेयरमैन डा. पीआर नैन को फिर से सिरसा एसआइटी का सामना करना होगा। साथ ही पंचकूला पुलिस किसी भी वक्त उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकती है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, हनीप्रीत ने अपने बयानों में स्पष्ट किया है कि वह डेरे के संपर्क में थी जबकि डेरा की चेयरपर्सन व सीनियर वाइस चेयरमैन दोनों हनीप्रीत से संपर्क न होने की बात कह चुके हैं।
ऐसे में हनीप्रीत के बयान से फिर से उनकी मुश्किलें बढ़ती नजर आएंगी। पंचकूला एसआइटी चेयरमैन को पहले ही नोटिस दे चुकी है, जबकि सिरसा एसआइटी यहां हुए उपद्रव के मामले में चेयरमैन व वाइस चेयरमैन दोनों से पूछताछ कर चुकी है।
फिर से गुफा में जा सकती है पुलिस
डेरा प्रमुख के आवास में एक बार फिर से पुलिस की दस्तक हो सकती है। हनीप्रीत का आवास भी डेरा प्रमुख के निवास स्थान में ही रहा है। इसलिए पुलिस उनके आवास की निशानदेही व वहां रखी वस्तुओं के संबंध में गुफा की जांच कर सकती है। यह सब हनीप्रीत के बयान पर निर्भर करेगा।
इसके अलावा, पुलिस हनीप्रीत को लेकर सिरसा आएगी और उन जगहों की निशानदेही भी कराएगी जहां पर हनीप्रीत रोहतक से आने के बाद ठहरती रही है। उनके मददगारों की पहचान भी पुलिस कर रही है। ऐसे में कई अन्य स्थानों पर भी पंचकूला पुलिस पहुंच सकती है।
सिरसा में दंगा रचने की साजिश में भी होगी कई और से पूछताछ
पुलिस पंचकूला और सिरसा में हुए उपद्रव के मामले में यह मानकर चल रही है कि इसकी साजिश सिरसा डेरे में ही रची गई थी। पंचकूला पुलिस की पूछताछ में इस तरह की जानकारी आने के बाद अब सिरसा एसआइटी के निशाने पर डेरा प्रबंधन होगा। हालांकि पूर्व में डेरा प्रबंधन के दोनों प्रमुख लोगों से पूछताछ में यही प्रश्न थे कि इतनी बड़ी तादाद में लोग यहां कैसे एकत्रित हो गए और उन्हें किसने उकसाया। हालांकि उपद्रव में पकड़े गए कई लोगों ने बयान दिया है कि उन्हें आदेश मिला था कि बाबा के खिलाफ फैसला आते ही चुप नहीं बैठना है।