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स्वर्णिम विजय मशाल का हुआ जोरदार स्वागत

भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए जांबाजों को नमन स्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 06:35 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 06:35 AM (IST)
स्वर्णिम विजय मशाल का हुआ जोरदार स्वागत
स्वर्णिम विजय मशाल का हुआ जोरदार स्वागत

जागरण संवाददाता, सिरसा : भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए जांबाजों को नमन स्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 दिसंबर 2020 को दिल्ली से शुरू की गई विजय दिवस मशाल शनिवार को सैनिक बोर्ड भवन पहुंची। हिसार से सेना अधिकारी व जवान विजय दिवस मशाल को लेकर एयर फोर्स स्टेशन पहुंचे, यहां से विजय मशाल को शहर से गुजारते हुए सैनिक बोर्ड भवन परिसर में लाया गया। यहां पर 1971 की लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों व देश पर कुर्बान हुए अन्य अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में अमर शहीदों के परिजनों को मुख्यातिथि उपायुक्त प्रदीप कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह, जिला सैनिक भवन कल्याण अधिकारी कर्नल दीप डागर, एसडीएम जयवीर यादव ने सम्मानित किया। सेनाधिकारियों ने शहीद परिवारों के लोगों से बात कर उनका हौंसला बढ़ाया और अपनी ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

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ऐतिहासिक जीत हासिल की पाक पर : कर्नल दीप डागर

कल्याण अधिकारी कर्नल दीप डागर ने बताया कि पूरे भारतवर्ष में स्वर्णिम विजय वर्ष जो कि सन 1971 में भारतीय सेना की पाकिस्तान पर जीत के 50वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया जा रहा है। अदम्य साहस का परिचय देकर अपना बलिदान देने वाले अमर जवानों की याद में व उनको नमन स्वरूप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली में भारतीय सेना को विजय मशाल सौंपी थी। उन्होंने बताया कि 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान सेना पर एक तारकीय और ऐतिहासिक जीत हासिल की जिसके कारण बांग्लादेश के नए राष्ट्र का निर्माण हुआ और द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पारंपरिक युद्ध में सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण हुआ। 16 दिसंबर 2020 से राष्ट्र 1971 युद्ध की जीत के 50 साल मना रहा है, जिसका उद्देश्य 1971 युद्ध के नायकों को पहचानना और याद करना है। भारतीय सशस्त्र बलों की इस जीत को प्रदर्शित करने के लिए वर्ष 2021 को स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाने की योजना बनाई गई है जिसमें राष्ट्रव्यापी वर्षभर का जश्न मनाया जा रहा है। इन आयोजनों के माध्यम से 1971 युद्ध के भारतीय सशस्त्र बलों के वीर सैनिकों द्वारा किए गए शौर्य, बहादुरी और बलिदानों को पहचानने और सम्मानित करने और पूरे देश में इस अवसर को मनाने के लिए एक प्रयास किया जा रहा है। इन समारोहों के भाग के रूप में देश के चारों कोनों में विजय की ज्वाला ली जा रही हैं।


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