रजिस्टरी की एवज में 2500 रुपये मांगने पर किसानों ने किया तहसील कार्यालय का घेराव
तहसीलदार पर जमीन की रजिस्टरी के बदले 2500 रुपये ऐंठने का आरोप
संवाद सहयोगी, डबवाली :
तहसीलदार पर जमीन की रजिस्टरी के बदले 2500 रुपये ऐंठने का आरोप लगाते हुए किसानों ने सोमवार शाम को उनके कार्यालय का घेराव कर लिया। तहसीलदार खुद को बचाते हुए नजर आए, तो किसानों ने उस नंबरदार को आगे कर दिया। जिसके जरिए तहसीलदार ने पैसों की मांग की थी। सरेआम नंबरदार ने कहा कि तहसीलदार के कहने पर उसने रजिस्टरी क्लर्क को पैसे दिए थे। हंगामे के बीच आरसी ने संबंधित को पैसे वापस कर दिए। गांव देसूजोधा निवासी जेबीटी गुरचेत ¨सह ने तहसीलदार के खिलाफ एसडीएम कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई है। गुप्तचर विभाग के जरिए शिकायत सरकार तक भेजी है।
गांव देसूजोधा निवासी याद¨वद्र कौर, परमजीत कौर ने गांव के सूबा ¨सह, हरदम ¨सह से 13 कनाल 15 मरला जमीन 16.70 लाख रुपये की खरीदी है। सुबह करीब 11.30 बजे जमीन की रजिस्टरी के लिए दोनों महिलाएं तहसील कार्यालय में पहुंच गई। उनके साथ हर¨जद्र ¨सह भी था। रजिस्टरी के लिए फाइल तहसीलदार राजेंद्र प्रसाद के पास गई तो उन्होंने जमीन बेचने वालों का पैन कार्ड साथ संलग्न न होने पर आपत्ति लगा दी। नंबरदार साधु ¨सह ने हर¨जद्र ¨सह 2500 रुपये लेकर आरसी को दे दिए। जिसके बाद रजिस्टरी हो गई। रजिस्टरी के बदले रिश्वतखोरी की भनक याद¨वद्र कौर के पति जीपीएस हैबुआना में कार्यरत जेबीटी गुरचेत ¨सह को मिली तो वह डयूटी के बाद शाम करीब साढ़े 3 बजे तहसील कार्यालय पहुंचा। तहसीलदार ने कोई सुनवाई नहीं की तो वहां धरनारत किसानों के बीच आ गया। रिश्वत का मामला उजागर होते ही बवाल मच गया। किसानों ने हंगामा शुरु किया तो आरसी ने झट से 2500 रुपये वापिस लौटा दिए। :::रजिस्टरी के लिए फाइल मेरे पास आई थी। बेचने वाले का पैन कार्ड न होने के कारण आपत्ति लगाई थी। कई बार ऐसा होता कि किसान पैन कार्ड भूल आते हैं। ऐसे में उनसे फार्म 60 भरवाकर रजिस्टरी कर दी जाती है। उपरोक्त मामले में ऐसा हुआ है। फार्म भरवाया गया है। अगर नहीं भरवाया गया, तो बाद में भरवा लिया जाएगा। पैसे लेकर रजिस्टरी नहीं की गई है। मेरे पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। मैं तो आज पूरा दिन कोर्ट में व्यस्त था।
-तहसीलदार राजेंद्र प्रसाद, डबवाली