पहले क्लीनचिट, फिर एसआइटी ने माना दोषी, अब गैरजमानती वारंट
डबवाली में सीआइए पुलिस ने कार सवार तीन व्यक्तियों को दो किलो अफीम
जागरण संवाददाता, सिरसा : डबवाली में सीआइए पुलिस ने कार सवार तीन व्यक्तियों को दो किलो अफीम के साथ पकड़ा। एक आरोपित संजय निवासी खुइयामलकाना को बाद में क्लीन चिट दे दी। इस मामले में दो अन्य आरोपित रह गए जबकि तीसरे संजय के निर्दोष पाए जाने की सूचना कोर्ट में भी दे दी गई। इस दौरान उपायुक्त की अध्यक्षता वाली चिन्हित अपराध को लेकर आयोजित होने वाली बैठक में मामला पहुंचा। पुलिस की जांच पर जिला न्यायवादी ने सवाल खड़े किए थे। उपायुक्त के निर्देश के बाद एसआइटी गठित हुई, तो संजय आरोपित माने गए और कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। मौके से पकड़े गए थे तीन व्यक्ति
सीआइए सिरसा की टीम विगत 16 जुलाई को डबवाली में थी, उसी दौरान पुलिस की गाड़ी को देखकर कार चालक ने गाड़ी को बीडीपीओ ऑफिस की ओर घुमा लिया। पुलिस ने पीछा कर गाड़ी को रुकवाया और तीन व्यक्तियों को काबू कर लिया। जिनमें चालक की पहचान संजय निवासी खुइयांमलकाना, अगली सीट पर दूसरे व्यक्ति की पहचान जोधपुर के गुढ़ा बिश्नोइयां निवासी मोहन लाल तथा पिछली सीट पर बैठे खुइयां मलकाना निवासी गुरदीप के रूप में हुई। तलाशी में मिली थी दो किलो अफीम और नकदी
पुलिस ने अगली दोनों सीटों के बीच रखे बैग की तलाशी ली तो उसमें दो किलो अफीम निकली और एक लाख 32,500 रुपये की नकदी भी बरामद हुई। तीनों को हिरासत में लिया गया और पुलिस पूछताछ में जानकारी मिली कि अफीम कुर्बान निवासी डोबी कस्बा गया बिहार से खरीदी गई है। इसलिए पुलिस ने इस मामले में मादक पदार्थ तस्करी अधिनियम के तहत चार के खिलाफ केस दर्ज किया। पत्नी ने डीजीपी से लगाई गुहार, डीएसपी की जांच में बताया निर्दोष
इस मामले में खुइयांमलकाना निवासी संजय की पत्नी जो गांव की सरपंच भी है, ने डीजीपी को पत्र लिखा और कहा कि उसके पति ने गाड़ी में लिफ्ट ली थी और अफीम तस्करी से उसका संबंध नहीं है। पुलिस ने इस मामले की जांच डीएसपी को सौंप दी। डीएसपी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी। उपायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी में उठा मामला, गठित हुई एसआइटी
राज्य सरकार ने संगीन मामलों की समीक्षा के लिए जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित की हुई है। इस कमेटी में पुलिस अधीक्षक व डिस्ट्रिक्ट एट्रार्नी भी शामिल है। यह मामला कमेटी की बैठक में उठा, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने एसआइटी का गठन किया। इस एसआइटी में डीएसपी किशोरी लाल, सीआइए इंचार्ज दलेराम व एसएचओ राजकुमार शामिल रहे। पूरे मामले की दोबारा जांच हुई, जिसमें सरपंच प्रतिनिधि संजय को आरोपित तो माना ही साथ ही यह भी सामने आया कि संजय ने लिफ्ट नहीं ली बल्कि गाड़ी ही संजय की थी। गाड़ी के ऊपर सरपंच व नंबरदार की प्लेट भी लगी हुई थी। अब गैर जमानती वारंट, अग्रिम जमानत याचिका खारिज
चिन्हित अपराध की बैठक में यह मुद्दा रखा गया था, जिसके बाद उपायुक्त ने इसकी जांच करवाने को कहा। एसआइटी ने संजय को आरोपित माना है। संजय की ओर से अग्रिम जमानत याचिका लगाई गई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है और उसके गैर जमानती वारंट जारी हो गए हैं।
- दीपक लेघा, जिला अटॉर्नी