Move to Jagran APP

अग्निकांड पीड़ितों ने मांगा 3.32 करोड़ रुपये मुआवजा

अदालत 11 दिसंबर को सुनाएगी फैसला - मुआवजा संबंधी गणना हुई तो पता चला एक पीड़ित का मुआवज

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Nov 2017 05:41 PM (IST)Updated: Sat, 18 Nov 2017 05:41 PM (IST)
अग्निकांड पीड़ितों ने मांगा 3.32 करोड़ रुपये मुआवजा
अग्निकांड पीड़ितों ने मांगा 3.32 करोड़ रुपये मुआवजा

अदालत 11 दिसंबर को सुनाएगी फैसला

loksabha election banner

- मुआवजा संबंधी गणना हुई तो पता चला एक पीड़ित का मुआवजा जमा ही नहीं करवाया

संवाद सहयोगी, डबवाली : इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस टीपी गर्ग आयोग की रिपोर्ट के बाद वर्ष 2009 में पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट ने डबवाली अग्निकांड पर सुनवाई करते हुए 0 से 10 साल के 173 बच्चों को साढ़े तीन-तीन लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश दिए थे। जिसमें से 45 फीसद सरकार तथा 55 फीसद शेयर डीएवी संस्थान को देना था। आठ साल बाद जब मुआवजा राशि की दोबारा गणना हुई तो पता चला कि डीएवी संस्थान ने एक बाल अग्नि पीड़ित को 1 लाख 92 हजार 501 रुपये दिए ही नहीं। इसके अतिरिक्त अग्निकांड पीड़ितों ने अदालत के आदेशानुसार मुआवजा राशि का ब्याज मांगा है। कुल राशि करीब 3.32 करोड़ रुपय बनती है। शनिवार को उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी रितू बाला की अदालत में अग्निकांड पीड़ितों तथा डीएवी संस्थान में बहस हुई। अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

अग्निकांड पीड़ित एसोसिएशन की वकील अंजू अरोड़ा तथा प्रवक्ता विनोद बांसल के अनुसार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 9 नवंबर 2009 को डबवाली अग्निकांड पीड़ितों को मुआवजा के रुप में 34.14 करोड़ रुपये देने का फैसला सुनाया था। इसमें से 55 फीसद डीएवी संस्थान तथा 45 फीसद सरकार को देना था। 4 माह में मुआवजा जमा करने पर 6 फीसद ब्याज तथा इससे ज्यादा समय बीतने पर 10 फीसद ब्याज दर तय की थी। सरकार ने अपने हिस्से की राशि जमा करा दी थी। जबकि डीएवी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शेयर में से 10 करोड़ जमा करवा दिए थे। वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट में अपील खारिज होने के बाद 17 करोड़ जमा करवा दिए। जबकि ब्याज राशि पर अभी भी पेच फंसा हुआ है। पीड़ितों की वकील के अनुसार डीएवी ने वर्ष 2003 से मार्च 2010 तक 6 फीसद ब्याज के तौर पर 7 करोड़ 60 लाख 48 हजार 685 रुपये जमा करवाने थे, लेकिन 6.75 करोड़ जमा करवाए। पीड़ितों के अनुसार डीएवी ने ब्याज राशि 72 माह की जमा करवाई है। जबकि 81 माह की जमा करवानी चाहिए थी। इसके बाद पीड़ितों ने वर्ष 2010 से 2013 तक का ब्याज 10 फीसद के हिसाब से मांगा। सुप्रीम कोर्ट पहुंचे डीएवी के हक में फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट ने 6 फीसद ब्याज के साथ राशि जमा करवाने के आदेश दिए। डीएवी ने अपनी ही गणना अनुसार 1 करोड़ 48 लाख 88 हजार 902 रुपये जमा करवा दिए। जबकि अदालत के आदेश अनुसार यह राशि 2 करोड़ 94 लाख 88 हजार 218 रुपये बनती है।

अंजू अरोड़ा के अनुसार 2013 से जून 2017 तक 10 फीसद ब्याज से उपरोक्त राशि में 99 लाख 7 हजार 417 रुपये जुड़ चुके हैं। मुआवजा, ब्याज राशि समेत पीड़ितों ने 3 करोड़ 32 लाख 18 हजार 479 रुपये डीएवी संस्थान से लेने हैं। डीएवी संस्थान तथा अग्निकांड पीड़ितों ने मुआवजा, ब्याज राशि की गणना रिपोर्ट अदालत में उपलब्ध करवाई हैं। शनिवार को अदालत में दोनों पक्षों में बहस हुई। बहस सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। 11 दिसंबर 2017 को अदालत फैसला सुनाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.