देशव्यापी हड़ताल को लेकर फायर व नगर पालिका कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन
जागरण संवाददाता सिरसा केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 26 नवंबर को की जा रही हड़त
जागरण संवाददाता, सिरसा: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 26 नवंबर को की जा रही हड़ताल को लेकर फायर व नगर पालिका कर्मचारियों ने सोमवार को नगर परिषद के सीटीएम, पुलिस अधीक्षक, फायर अधिकारी व ईओ को एक ज्ञापन सौंपा।
जिला प्रधान फायर यूनियन राजेश खिचड़, नगर पालिका यूनियन सफाई कर्मचारी के जिला प्रधान मनोज अटवाल, जिला सचिव अरूण, फायर बिग्रेड महासचिव सुखदेव सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि कर्मचारी काफी समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष करते आ रहे हैं, लेकिन विभाग व सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा कर्मचारियों की छंटनी व लंबित मांगों को लेकर कर्मचारियों द्वारा तीन दिवसीय हड़ताल की गई। लेकिन इसके बाद भी सरकार ने कोई सुध नहीं ली। जिसपर कर्मचारियों ने 13, 14 व 15 अक्टूबर को प्रदेश की जनता के बीच जाकर सरकार की पोल खोलने के लिए पर्चे बांटे। इसके बाद 28 व 29 अक्टूबर को 24 घंटे की 2 दिवसीय भूख हड़ताल की, लेकिन इसके बाद भी सरकार ने कोई संतुष्टिजनक जवाब नहीं दिया। 8 नवम्बर 2020 को शहरी निकाय मंत्री अनिल विज के निवास का घेराव अम्बाला में किया गया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री से इस संबंध में तीन बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक लिखित में पत्र नहीं जारी किया गया है, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है। कोरोना से कर्मचारी की मृत्यु पर 50 लाख रुपए विशेष सहायता राशि दी जाए। 1046 फायर आप्रेटरों की भर्ती रद की जाए। सभी पालिका, परिषदों, निगमों व मार्केट कमेटियों के पालिका रोल पर हुए 1366 फायरमैनों व फायर चालकों को फायर आप्रेटरों के पदों पर समायोजित किया जाए। ठेका तथा आउटसोर्स के तहत 64 दमकल कर्मचारियों को नियमों में ढील देकर पालिका रोल पर किया जाए। दमकल विभाग के जोखिमपूर्ण कार्य के लिए सभी नियमित, पालिका रोल व ठेका प्रथा आउटसोसर्ट कर्मचारियों को 4 हजार रुपये प्रति माह जोखिम भत्ता दिया जाए। सभी नियमित दमकल कर्मचारियों को जल्द से जल्द प्रमोशन का लाभ दिया जाए। सभी नियमित दमकल कर्मचारियों को 8 वर्ष सर्विस पूर्ण होने पर बिना शर्त एसीपी का लाभ दिया जाए। इन फायर स्टेशनों से हटाए गए सभी दमकल कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लिया जाए। ईपीएफ व ईएसआइ की राशि काटी जाए व ईपीएफ व ईएसआई घोटाले की जांच स्टेट विजिलेंस से करवाई जाए।