जलाने की बजाय पराली प्रबंधन में जुटे धरतीपुत्र
संवाद सूत्र बड़ागुढ़ा दैनिक जागरण की ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाई जा रही मुहि
संवाद सूत्र, बड़ागुढ़ा : दैनिक जागरण की ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाई जा रही मुहिम पराली नहीं जलाएंगे पर्यावरण बचाएंगे का ग्रामीण क्षेत्र में खास प्रभाव देखने को मिल रहा है। क्षेत्र के लोग अब पराली जलाने की बजाय पराली प्रबंधन के तरीके अपना रहे है। इस तरह किसानों की पर्यावरण संरक्षण के लिए अनूठी पहल से आगामी गेहूं आदि की फसल समय पर बोने के लिए किसानों की ओर से दिन-रात एक कर प्रयास किया जा रहा है। बड़ागुढ़ा क्षेत्र के कृषि निरीक्षक डा. विकास ने दैनिक जागरण की पर्यावरण संरक्षण मुहिम को सराहनीय योगदान बताते हुए कहा कि उन्होंने घग्घर नदी के तटवर्ती क्षेत्र के बुर्जकर्मगढ़, मल्लेवाला, बुढाभाणा, नागोकी, किराड़कोट, नेजाडेला खुर्द, बप्पां गांवों में जाकर किसानों को पराली न जलाने की अपील की जा रही है। उन्होंने बताया कि दैनिक जागरण की ओर से भी सरकारी स्कूलों में या अन्य तरीके से किसानों को जागरूक किया जा रहा है। समाचार पत्र का पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रशंसनीय योगदान है। क्षेत्र में धान की फसल कटाई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और बाकी कार्य युद्ध स्तर पर किसान करने में दिन-रात जुटे हुए हैं। पराली की गांठें बनाने में जुटे किसान गांव मल्लेवाला के प्रगतिशील किसान सरपंच प्रतिनिधि दर्शन सिंह, उत्तम सिंह, लाभ सिंह, रेशम सिंह, चौ. बलवंत राय, अशोक कुमार, तरसेम सिंह ने पराली जलाने की बजाय अन्य तरीकों को अपनाकर पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दिया है। इसी तरह गांव बुर्जकर्मगढ़ के किसान सतीश कुमार, दलीप सिंह, सागर, राकेश, चेतनदास, ललित, धर्मवीर आदि ने भी पराली की गांठें बनाकर पर्यावरण संरक्षण के लिए पराली प्रबंधन का सराहनीय योगदान दिया है। इसी तरह कृषि एवं किसान कल्याण विभाग बड़ागुढ़ा की ओर से डा. मनोहर चौधरी अपनी टीम के साथ क्षेत्र में पराली प्रबंधन को लेकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसानों द्वारा रोलर मशीन से पराली की गांठें बनाने या हैप्पी सीडर से सीधे बिजाई करने के तरीकों को अपनाकर पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करना सराहनीय योगदान है।