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दूध दही का खाना, फिर भी नहीं छूट रहा कुपोषण से पीछा

जागरण संवाददाता, सिरसा: महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से हर

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 10:34 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 10:34 PM (IST)
दूध दही का खाना, फिर भी नहीं छूट रहा कुपोषण से पीछा
दूध दही का खाना, फिर भी नहीं छूट रहा कुपोषण से पीछा

जागरण संवाददाता, सिरसा:

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महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से हर माह जांचे जाने वाले छोटे बच्चों के वजन में यह बात निकल कर सामने आई है कि बेशक जिला दूध दही के खाने के लिए प्रसिद्ध प्रदेश का अंग है, इसके बावजूद कुपोषण का कलंक नहीं मिट पा रहा है। जिला में 96700 बच्चों के स्वास्थ्य को जांचा गया तो इनमें से 89 फीसद सामान्य पाए गए हैं जबकि 10.5 फीसद सामान्य से कम श्रेणी में तथा 0.4 फीसद कुपोषित पाए गए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जुलाई माह में जिलाभर के 96700 बच्चों में से 91835 बच्चों का वजन जांचा गया। शून्य से छह वर्ष तक की उम्र के बच्चों को स्वास्थ्य की कसौटी पर तीन श्रेणियों में रखकर परखा जाता है। पहली श्रेणी सामान्य बच्चों की होती है। इसके अलावा कुपोषण की दो श्रेणियां होती हैं। एक कुपोषित और दूसरी अति गंभीर कुपोषित। कुपोषण के शिकार में लड़कियों की संख्या ज्यादा

जांच में कुल 91835 बच्चों को शामिल किया गया, जिनमें 47959 लड़के व 43876 लड़कियां थी। सामान्य वजन वाले कुल 81797 बच्चे मिले, जिनमें 43012 लड़के व 38785 लड़कियां हैं। कुपोषित बच्चों में शामिल 10.5 फीसद बच्चों में 9649 बच्चे शामिल हुए, जिनमें 4768 लड़के व 4881 लड़कियां हैं। अति गंभीर कुपोषित में 389 बच्चे पाए गए हैं, जिनमें 179 लड़के व 210 लड़कियां हैं।

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जिला के आठ खंडों में शून्य से छह वर्ष तक की आयु के 91,835 बच्चों की जांच की गई। बड़ागुढ़ा खंड के 9741 बच्चों में से 8075 बच्चों का वजन जांचा गया। डबवाली के 15826 बच्चें में से 15755, ऐलनाबाद के 11869 में से 10814, रानियां के 14020 बच्चों में से 14000, माधो¨सधाना व सिरसा के 15362 बच्चों में से 14712, ओढ़ां के 9447 में से 8830, नाथूसरी के 13836 बच्चों में से 13801, तथा सिरसा शहरी के 6599 बच्चों में से 5848 बच्चों की जांच की गई।

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बड़ागुढ़ा खंड़ में सबसे अधिक कुपोषित, माधो¨सधाना-सिरसा में 0.7 कुपोषित

बड़ागुढ़ा खंड में 15.4 सामान्य से कम, 0.2 कुपोषित, डबवाली में सामान्य से कम 8.6 व 0.4 कुपोषित, ऐलनाबाद में 12.6 सामान्य से कम व 0.3 कुपोषित, रानियां में 11 फीसद सामान्य से कम व 0.3 फीसद कुपोषित, माधो¨सधाना-सिरसा में 11.5 सामान्य से कम व 0.7 कुपोषित, ओढ़ां में 10.2 सामान्य से कम व 0.2 कुपोषित, नाथूसरी में 6.1 सामान्य से कम व 0.6 कुपोषित तथा सिरसा शहर में 11.2 सामान्य से कम व 0.6 फीसद कुपोषित बच्चे हैं।

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पोषाहार के लिए कर रहे हैं जागरूक

कुपोषण के मामले बढ़े हैं। इन पर रोक लगाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जाता है तथा उनकी माताओं को भी जागरूक किया जा रहा है। जिला में सितम्बर माह सुपोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। जिसके तहत बच्चों व माताओं को पोषाहार के लिए जागरूक किया जा रहा है। एक से सात तक पोषाहार सप्ताह मनाया जा रहा है। इस मुहिम को लेकर महिला एवं बाल विकास निदेशक द्वारा वीडियो कांफ्रे¨सग से अधिकारियों की बैठक ली जाएगी। अभियान को लेकर जिला स्तरीय कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।

- दर्शना ¨सह, कार्यक्रम अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास


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