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लेखा सहायक की लापरवाही से कर्मचारियों के एरियर और इपीएफ का मामला लंबे समय से लटका

जागरण संवाददाता सिरसा कंप्यूटर प्रोफेशनल डिस्ट्रिक्ट आइटी सोसाइटी के अधीन ई-दिशा व अ

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 06:51 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:16 AM (IST)
लेखा सहायक की लापरवाही से कर्मचारियों के एरियर और इपीएफ का मामला लंबे समय से लटका
लेखा सहायक की लापरवाही से कर्मचारियों के एरियर और इपीएफ का मामला लंबे समय से लटका

जागरण संवाददाता, सिरसा :

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कंप्यूटर प्रोफेशनल डिस्ट्रिक्ट आइटी सोसाइटी के अधीन ई-दिशा व अन्य स्थानों पर कार्यरत कर्मचारियों के इपीएफ न काटने और एरियर एवं बढ़ा हुआ वेतनमान समय पर न मिलने के मामले में एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर लेखा सहायक के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। एसडीएम की रिपोर्ट में बिदुवार मामलों की सुनवाई हुई और इसमें लेखा सहायक मनीश कुमार पर लापरवाही बरतने की बात कही गई है।

कर्मचारियों को जुलाई 2016 से बकाया वेतन नहीं मिला। इसके बाद अप्रैल 2018 में लेखा सहायक के खिलाफ शिकायत दी गई लेकिन यह शिकायत लंबित होती गई। 10 जून 2019 को एसडीएम ने जांच करते हुए लेखा सहायक व प्रोग्रामर के बयान भी दर्ज किए जिसमें सामने आया कि वेतन वृद्धि का पत्र सितंबर 2016 में आ गया था लेकिन दो माह तक फाइल ही पुटअप नहीं की गई। वेतन गणना के मामले में भी पांच माह का समय लगा दिया गया और नए वेतनमान लागू करने के बावजूद एरियर के बारे में कोई संज्ञान नहीं लिया गया। सोसाइटी पर लगा 17 लाख रुपये का जुर्माना

पत्र में एक शिकायत ईएसआइ की हिदायतों के अनुसार ईपीएफ न काटने की भी की गई है। वर्ष 2012 में ईएसआइ की हिदायतें आई थी। सोसायटी पर कार्यरत कर्मचारियों को ईएसआइ के दायरे में नहीं लिया गया और बाद में सोसाइटी पर 17 लाख रुपये का जुर्माना लगा। कर्मचारियों की शिकायत है कि इसके बावजूद भी ईएसआइ का लाभ नहीं मिल पाया। आरटीआइ में एसडीएम कार्यालय से मिली रिपोर्ट में यह जांच 30 अगस्त 2018 को एसडीएम को सौंपी गई थी। 102 कर्मचारियों से जुड़ा हुआ है मामला

एसडीएम की रिपोर्ट में बताया गया है कि यह मामला 102 कर्मचारियों के वेतन से जुड़ा हुआ है। वेतन की गणना करने में इतना वक्त नहीं लगना चाहिए था और समय पर वेतन की अदायगी न करना लेखा सहायक की लापरवाही है। इसी वजह से डीआइटीएस के खाते से 17 लाख रुपये की राशि बतौर जुर्माना भेजनी पड़ी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लेखा से संबंधित कार्य उपायुक्त कार्यालय की स्थापना शाखा को सौंपा जाना चाहिए। लेखा सहायक द्वारा यह कहना कि उसके पास काम बहुत अधिक है तर्कसंगत नहीं है। ऐसी स्थिति में वह अतिरिक्त कर्मचारी की मांग कर सकता था। मैं 15 दिन से ट्रेनिग पर हूं। ट्रेनिग पर आने से पहले ही एसडीएम की रिपोर्ट को उपायुक्त कार्यालय को भेज दिया गया था। ट्रेनिग से लौटने के बाद ही इस फाइल के बारे में बता पाउंगा।

कूलभूषण बंसल, सीटीएम, सिरसा


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