Move to Jagran APP

तीन बार बना नशा तस्करी का केस, थाने में खुलेगी हिस्ट्रीशीट

जागरण संवाददाता सिरसा नशा तस्करी के गढ़ के कलंक को समाप्त करने के लिए पुलिस जनसहयोग

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 05:17 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 06:11 AM (IST)
तीन बार बना नशा तस्करी का केस, थाने में खुलेगी हिस्ट्रीशीट
तीन बार बना नशा तस्करी का केस, थाने में खुलेगी हिस्ट्रीशीट

जागरण संवाददाता, सिरसा : नशा तस्करी के गढ़ के कलंक को समाप्त करने के लिए पुलिस जनसहयोग के अलावा अब दूसरे कानूनी रास्तों का भी सहारा लेगी ताकि नशे के इस दलदल में कोई फंसे ना और पहले ही सचेत रहे। पुलिस विभाग की नई पहल जागरूकता के साथ उन परिवारों से मुलाकात की है जिनके बच्चे तस्करी के आरोप में जेल में है या जेल से छूट चुके हैं। परिजनों व अभिभावकों से इस मुलाकात में उन पर निगरानी रखने, उन्हें प्रेरित करने और भविष्य में नशे से दूर रखने के उपाय पुलिस की इस बैठक में विशेषज्ञ सुझाएंगे। किन परिस्थितियों में नशा कैसे छुड़ाया जा सकता है यह जानकारी भी इसी बैठक में विशेषज्ञ देंगे। पखवाड़ा भर में होने वाली इस बैठक में परिवारों से भी नशे के बारे में संदिग्धों की जानकारी देने का आग्रह किया जाएगा। तीन बार बना केस तो हिस्ट्रीशीट में होगा नाम सिरसा में पुलिस अब तस्करी में पकड़े लोगों की हिस्ट्रीशीट तैयार करेगी। हिस्ट्रीशीट में शामिल आरोपित के बारे में जब भी कभी कोई वेरिफिकेशन आएगी तो हिस्ट्रीशीट का विवरण उस वेरिफिकेशन में जरूर आएगा। पुलिस अधीक्षक ने सभी थानों को निर्देश दिए हैं कि तीन बार या इससे अधिक एनडीपीएस एक्ट में पकड़े गए आरोपित को हिस्ट्रीशीटर मानते हुए थाने में हिस्ट्रीशीटर रजिस्टर में उसकी जानकारी दर्ज करें। अभी तक सिरसा में इस तरह की कार्रवाई नहीं थी लेकिन बार-बार तस्करों के पकड़ने और जमानत पर बाहर आने के बाद इसी धंधे में संलिप्त होने के कारण यह फैसला लिया गया है। 640 केस करीबन 1100 की गिरफ्तारी

loksabha election banner

सिरसा पुलिस के अनुसार पिछले आठ माह की अवधि के दौरान तस्करी से संबंधित 640 मुकदमे दर्ज हो गए हैं और 1100 के करीब आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं। जनवरी माह में भी अब तक 23 एफआइआर दर्ज की गई है और 34 व्यक्तियों को पकड़ा गया है जो हरियाणा में सबसे अधिक है। प्रतिदिन तीन मामले नशे से संबंधित सामने आ रहे हैं। :::जो लोग नशे की तस्करी में पकड़े जा रहे हैं और बार-बार केस दर्ज हो रहे हैं। इसका मतलब वे इस धंधे को छोड़ नहीं हैं। अब उनकी जानकारी हिस्ट्रीशीटर रजिस्टर में दर्ज होगी। परिजनों को भी संलिप्त बच्चों को इस दलदल से निकालने के लिए इस संबंध में बैठक करेंगे।

डा. अरुण सिंह, एसएसपी सिरसा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.