सिरसा में नाटक मेले का हुआ आयोजन
जंग-ए-आजादी के महान योद्धा शहीदे आजम भगत सिंह के 113 वें जन्मदिन के
जागरण संवाददाता, सिरसा : जंग-ए-आजादी के महान योद्धा शहीदे आजम भगत सिंह के 113 वें जन्मदिन के अवसर पर सिरसा के शहीद भगत सिंह पार्क में शहीद यादगार समिति सिरसा द्वारा नाटक मेले का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश मेहता, छिन्द्रपाल कौर, डा. जसमेल कौर ने संयुक्त रूप से की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रसिद्ध शिक्षाविद प्रो: हरभगवान चावला थे। इस कार्यक्रम में एक डफली एक राग कला मंच के कलाकारों ने क्रांतिकारी गीतों व मेहनतकश आवाम की समस्याओं से सरोकार रखने वाले नाटकों की शानदार प्रस्तुति पेश की। कार्यक्रम का आगाज Þ मशालां बालके रखना जदो तक बाकी है, हर कदम संभलके रखना जदो तक रात बाकी है गीत से किया गया। आजादी के बाद सत्ताधारियों द्वारा अपनाई गई पूंजीवाद प्रस्त नीतियों की वजह से पैदा हुई जन सममस्याओं पर आधारित नाटक मिस्त्री रामलाल, बुत जाग पया व बेगमों दी धी का सफलतापूर्वक मंचन किया गया। नाटकों में यह दर्शाया गया कि दिन रात मेहनत करने वाली जनता शासक वर्गो की शोषणकारी नीतियों की वजह से आज गरीबी, बदहाली व गैर-बराबरी का जीवन यापन कर रही है।
प्रो: हरभगवान चावला ने कहा कि क्रांतिकारियों के विचार सत्ता के गले की फांस बन गए हैं, सत्ता की हरसंभव कोशिश रहती है कि क्रांतिकारियों के विचार जनता तक न पहुंचे। प्रो: चावला ने कहा कि भगतसिंह और उनके साथी कमाल के लोग थे। वे जिदादिल, बहादुर, वतन के दीवाने और सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने कहा कि भगतसिंह और उनके साथी सार्वजनिक जीवन में उतरने वाले व्यक्तियों की परख का पैमाना भी बनते हैं, इन पैमानों पर कसने से हमारे आरामपरस्त, भ्रष्ट, पतित और परम स्वार्थी नेता मुंह के गिरते हैं। कार्यक्रम में राजकुमार शेखुपुरिया व सोहन सिंह रंधावा ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर महेंद्र खजाखेड़ा,सुखदेवसिंह, राजेश खीचड़, टोनी सागू, ओपी सुथार, राजेंद्र फतेहपुरिया, चेतन मेहता, भाल सिंह नम्बरदार, कृपाशंकर त्रिपाठी इत्यादि उपस्थित थे।