डेरे में सेवा करने के लिए आए थे दो भाई, चेले बनकर बाबा को लगा दी चपत
डेरे में सेवा करने के लिए आने वाले युवकों पर बाबा को भरोसा करना महंगा पड़ा। दो सगे भाइयों ने बाबा को झांसे में लेकर लाखों रुपये की चपत लगा दी।
जेएनएन, सिरसा। डेरे में सेवा करने के लिए आने वाले युवकों पर बाबा को भरोसा करना महंगा पड़ा। दो सगे भाइयों ने बाबा को झांसे में लेकर लाखों रुपये की चपत लगा दी। अब बाबा ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत देकर आरोपित युवकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
ओढ़ां के संतोख दास डेरा के संत करतार दास ने आरोप लगाया है कि महेंद्रपाल निवासी ओढ़ां ने धोखे से उसकी तीन एफडी तुड़वा कर साढ़े छह लाख रुपये हड़प लिए। नोटबंदी के दौरान भी महेंद्रपाल व उसके भाई बलविंद पाल ने पुराने नोट बदलवाने की एवज में 25.70 लाख रुपये हड़प लिए। इतना ही नहीं उसने एसबीआइ से बाबा का बैंक खाता दूसरे बैंक में तब्दील करवा लिया और नॉमिनी भी खुद बन गया। इसके बाद सरकार ने जब खराब फसल का मुआवजा भेजा तो वह भी हड़प गया।
डीएसपी आर्यन चौधरी कर रहे हैं मामले की जांच
इस मामले की जांच करते हुए डीएसपी आर्यन चौधरी ने पाया कि संत की शिकायत के अनुसार दोनों भाइयों ने सेवा करके उसे विश्वास में ले लिया और उससे लाखों रुपये की धोखाधड़ी की। बलविंद्र पाल ने डेरे की 60 क्विंटल गेहूं भी बेच दी। इस मामले में जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बाबा का अरोप निराधार
वहीं दूसरी तरफ आरोपित बलविंद्र पाल का कहना है कि उसपर लगाए आरोप निराधार है। बाबा ने खुद एफडी तुड़वाई थी, जिसकी राशि उसने बाबा को दे दी थी। बाबा ने रजामंदी से ही एफडीआर में उसे नॉमिनी बनाया था। बाद में डेढ़ साल बाद उस पर धोखाधड़ी का आरोप लगाने लगे। उसने बताया कि उसने नॉमिनी हटाने के लिए डबवाली अदालत में दरखास्त भी दी है, जिसकी सुनवाई होनी है।
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