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खतरे में नगर पालिका प्रधान की कुर्सी, 10 पार्षदों ने की अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग

पालिका प्रधान की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट कई नगर पार्षदों ने बृहस्

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 11:59 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 06:29 AM (IST)
खतरे में नगर पालिका प्रधान की कुर्सी, 10 पार्षदों ने की अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग
खतरे में नगर पालिका प्रधान की कुर्सी, 10 पार्षदों ने की अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग

संवाद सहयोगी, कालांवाली :

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पालिका प्रधान की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट कई नगर पार्षदों ने बृहस्पतिवार को उपायुक्त के नाम नगराधीश को शपथपत्र सौंपकर प्रधान सोनू व उपप्रधान मनीष जिदल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की है। अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर सभी पार्टियों के समर्थित पार्षद एकजुट होने से प्रधान की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है।

जानकारी अनुसार नगर पालिका चुनावों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था जिसके चलते इनेलो-भाजपा ने मिलकर प्रधान व उपप्रधान का चुनाव लड़ा था। जिसमें इनेलो पार्टी का प्रधान व भाजपा का उपप्रधान के नाम पर सहमति हुई थी। जिसके चलते वार्ड दो की पार्षद इनेलो की सोनू को प्रधान व वार्ड 11 के भाजपा समर्थित पार्षद मनीष जिदल को उपप्रधान चुना गया था। 10 पार्षदों ने सीटीएम को सौंपा ज्ञापन

पालिका प्रधान सोनू व उपप्रधान मनीष जिदल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर बृहस्पतिवार को वार्ड एक की पार्षद सुनीता नागर, तीन की पूजा, चार की रजनी, छह की शालू सिगला, सात के अमरजीत जिदल, आठ के अमृतपाल, नौ के राजीव गर्ग, 12 के हरबंस सिंह, 13 की अनु रानी, 14 के हर्ष बांसल ने उपायुक्त प्रभजोत सिंह बैठक में व्यस्त होने के चलते नगराधीश कुलभूषण बांसल से मुलाकात की और प्रधान व उपप्रधान की कार्यप्रणाली पर असंतोष जताते हुए उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की।

इन शर्तों पर हुआ था गठबंधन

पहले डेढ़ वर्ष इनेलो का प्रधान व भाजपा का उपप्रधान, उसके बाद डेढ़ वर्ष भाजपा का प्रधान व इनेलो का उपप्रधान और बाकी कार्यकाल के लिए यही समझौता तय हुआ था जिसके लिए बाकायदा डेरा बाबा मंढाला में शपथ भी उठाई थी। समझौते के तहत गठबंधन के दूसरे कार्यकाल में वार्ड तीन की पार्षद पूजा को प्रधान व उपप्रधान के लिए किसी का नाम तय नहीं हुआ था। समझौते के तहत जब प्रधान व उपप्रधान ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया तो 10 पार्षदों ने 28 फरवरी 2018 को प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए उपायुक्त को शपथपत्र सौंपे थे लेकिन यह अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिर गया था और प्रधान की कुर्सी बच गई थी। पिछली बार कांग्रेस पार्षदों ने बचा दी थी कुर्सी

पिछली बार वार्ड तीन की नगर पार्षद पूजा, चार की रजनी, छह की शालू सिगला, सात के अमरजीत जिदल, आठ के अमृतपाल, नौ के राजीव गर्ग, 11 के मनीष जिदल, 12 के हरबंस सिंह, 15 की सुलोचना देवी ने प्रधान की कार्यप्रणाली पर असंतोष जताते हुए उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी। जब अप्रैल माह में प्रस्ताव की तिथि तय हुई तो कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने प्रधान का समर्थन कर उसकी कुर्सी बचा ली थी। लेकिन अब वही पार्षद प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं।


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