Move to Jagran APP

टीबी रोग की रोकथाम के लिए सभी विभागों की बनेगी कॉर्डिनेशन कमेटी

केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक भारत टीबी रोग मुक्त बने।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 12:10 AM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 06:34 AM (IST)
टीबी रोग की रोकथाम के लिए सभी विभागों की बनेगी कॉर्डिनेशन कमेटी
टीबी रोग की रोकथाम के लिए सभी विभागों की बनेगी कॉर्डिनेशन कमेटी

जागरण संवाददाता, सिरसा : केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक भारत टीबी रोग मुक्त बने। इसके लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। टीबी रोग की रोकथाम के लिए सभी विभागों की कॉर्डिनेशन कमेटी बनाई जाएगी, जो टीबी रोग संभावित मरीज की इलाज में मदद करेगी।

loksabha election banner

यह जानकारी एसडीएम शालिनी चेतल ने लघु सचिवालय में टीबी रोग की इंटरनल वेल्युएशन के लिए आई टीम द्वारा दी गई रिपोर्ट के बाद बैठक में दी। बैठक में डब्लयूएचओ सलाहकार डा. संदीप राठौर, टीबी सेल की राज्य की उपनिदेशक डा. सुषमा, सीएमओ डा. गोबिद गुप्ता, डिप्टी सीएमओ डा. रोहताश सहित करनाल, फतेहाबाद व झज्जर से आए चिकित्सक उपस्थित थे। चार दिन में किए सर्वे की दी रिपोर्ट टीबी रोग पर सर्वे के लिए आई 12 सदस्यीय राज्यस्तरीय टीम ने चार दिनों तक जिला के सामुदायिक चिकित्सा केद्रों, प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों सहित निजी अस्पतालों व लैब का निरीक्षण किया। टीम ने टीबी रोगियों की पहचान, पोषाहार योजना, एमडीआर श्रेणी के टीबी मरीज आदि के बारे में अपनी रिपोर्ट दी। टीम ने बताया कि शहर के निजी अस्पताल टीबी रोगियों के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं। नागरिक अस्पताल में जून महीने तक 1500 से अधिक टीबी रोगी पाए गए है जबकि निजी अस्पतालों में यह संख्या 494 है। निजी अस्पतालों में भी निशुल्क मिल सकेगी टीबी दवा टीम सदस्य ने बताया कि निजी अस्पतालों में भी टीबी रोगियों के लिए निशुल्क दवाइयां उपलब्ध करवाई जा सकती है। अगर निजी चिकित्सक चाहे तो मरीज की दवाई डिस्पेंसरी में उपलब्ध करवा दी जाएगी। इसके साथ ही निजी अस्पतालों में उपचार लेने वालों को पोषाहार योजना का भी लाभ मिलेगा।

रेफरल योजना के तहत आरएमपी, आशा वर्करों व आंगनबाडी वर्कर द्वारा भेजे जाने वाले मरीजों में टीबी रोगी पाए जाने पर प्रति रोगी 500 रुपये दिए जाएंगे। टीबी रोग के उपचार व सुविधाओं को जांचने के लिए राज्य स्तरीय टीम सिरसा आई थी। जिसने जिलेभर में सर्वे के बाद प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी है। टीम ने सरकारी अस्पतालों में टीबी रोग के उपचार पर संतुष्टि जताई है साथ ही निजी अस्पतालों द्वारा टीबी रोगियों की जानकारी न उपलब्ध करवाने की भी जानकारी दी है।

- डा. रोहताश, डिप्टी सीएमओ, टीबी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.