हॉकी के जादूगर तैयार कर रहे हैं कोच बलदेव सिंह
महेंद्र सिंह मेहरा सिरसा हॉकी के कोच डा. बलदेव सिंह में हॉकी के खिलाड़ी तैयार करन
महेंद्र सिंह मेहरा, सिरसा: हॉकी के कोच डा. बलदेव सिंह में हॉकी के खिलाड़ी तैयार करने का जुनून है। यही वजह है कि हर वक्त वे खेल के मैदान में ही दिखते है।
अपने इस गुरु की बदौलत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 16 खिलाड़ियों ने देश का नाम चमकाया। इन खिलाड़ियों में पूर्व भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदारा सिंह व रीतू रानी के नाम भी शामिल है। -- भाई के साथ सरदारा सिंह को खेलने से किया मना डा. बलदेव सिंह ने वर्ष 1988 में श्री गुरु हरि सिंह महाविद्यालय श्री जीवननगर में कोच के पद लगे। कोच बलदेव सिंह ने बताया कि स्कूल में हॉकी खिलाड़ी दीदार सिंह अपने भाई सरदारा सिंह के साथ खेलने आते थे। मैंने सरदारा सिंह की आयु 8 वर्ष होने पर खिलाने से मना कर दिया। इसके बाद मैदान से बाहर खेलने के लिए सरदारा सिंह को स्टिक दे दी। एक दिन मैंने देखा कि सरदारा सिंह जो मैं मैदान में खिलाड़ियों को बता रहा है। वह वैसे ही देखकर बाहर खेल रहा है। इसके बाद उसको खिलाड़ियों के साथ खेलने की अनुमति दे दी। इसके बाद अभ्यास से वह हॉकी का अच्छा खिलाड़ी बन गया। जब जीवननगर में जिला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सरदारा सिंह ने बेस्ट प्रदर्शन करते हुए टीम को विजेता बना दिया। इस पर सिरसा के मौजूदा एसपी बीएस सिधु ने नकद राशि देकर सम्मानित किया। इसके बाद सरदारा सिंह का जूनियर हॉकी टीम में चयन हो गया। सरदारा सिंह हॉकी की जूनियर नेशनल टीम के 2003-04 के पोलैंड दौरे में खेले। इसके बाद उन्हें सीनियर टीम में जगह बनाने में देर नहीं लगी। 2006 में उन्होंने सीनियर टीम में खेलते हुए पाक के खिलाफ टेस्ट सीरीज से इसका आगाज किया। -- 16 खिलाड़ी खेले हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर कोच बलदेव सिंह को 21 अगस्त 2008 में कॉलेज कैडर में नौकरी मिली। कॉलेज में रहते भी उन्होंने कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचे। डा. बलदेव सिंह राजकीय नेशनल कॉलेज में तैनात रहे। उनसे गुर सीखकर भारतीय हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रीतू रानी ने नाम कमाया। वहीं खिलाड़ी मिनाक्षी, रजनी, भारती, प्रतिभा, अंजु धिमान, पूर्व कप्तान सरदारा सिंह, हरपाल सिंह, अजमेर सिंह, गुरचरण चन्ना, अवतार दारा, हरविद्र सिंह, हरविद्र सोनी, सविद्र सिंह व काबुल सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। -- आज मुझे बहुत खुशी है कि मेरे से हॉकी के गुर सीखकर खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है। मैंने तो अपना कर्तव्य निभाया। हॉकी के गुर देने के लिए जीवन भर कार्य करता रहूंगा।
---डा. बलदेव सिंह