डेरा विवाद के दौरान आगजनी का तीन साल बाद भी नहीं मिला क्लेम
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को दोषी करार देने के बाद 25 अगस्
जागरण संवाददाता, सिरसा : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को दोषी करार देने के बाद 25 अगस्त 2017 में सिरसा में उपद्रव हुआ। इस उपद्रव में सरकारी संपत्ति को जला दिया गया और करोड़ों का क्लेम अभी भी विभाग मांग रहे हैं। सबसे बड़ा क्लेम मिल्क प्लांट व बिजलीघर का है। इसके अलावा कई वाहनों को जलाने क्लेम निजी भी है जो अभी तक नहीं मिला है।
प्रशासन ने उस दौरान नुकसान का जो आंकलन किया उसके अनुसार मिल्क प्लांट की बिल्डिग जलने से 80 लाख रुपये, फर्नीचर, केबल, मशीनरी जलने से करीबन दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसी तरह बिजलीघर बेगू जलने से तीन करोड़ 16 लाख रुपये के नुकसान का आंकलन किया गया। इसके अलावा कुछ निजी वाहन भी जले जिनका क्लेम अभी तक नहीं मिला है। बंद की वजह से हरियाणा रोडवेज को पौने तीन करोड़ का हुआ था नुकसान
सिरसा में आगजनी के बाद केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात किए गए और आर्मी बुलाई गई। यहां कर्फ्यू लगा दिया गया। जन जीवन प्रभावित होने के चलते बस सेवाएं ठप हो गई और इससे हरियाणा रोडवेज को 2 करोड़ 84 लाख का नुकसान हुआ है। बिजली निगम को बिजलीघर जलने के अलावा एक करोड़ 21 लाख 59 हजार रुपये का नुकसान आंका गया। बीएसएनएल को साढ़े 3 लाख रुपये, सुरखाब को सवा दो लाख रुपये, 29 लाख रुपये से अधिक नुकसान का आंकलन दूसरे विभागों से जेसीबी व वाहन उपलब्ध कराने पर खर्च करना पड़ा। अकेले पुलिस को वाहन किराये पर लेने व अन्य व्यवस्थाओं पर एक करोड़ 8 लाख से अधिक की राशि खर्च करनी पड़ी। डेरों के खातों पर लगी है रोक
इस विवाद के बाद से ही हाई कोर्ट ने डेरा के खातों को सील कर दिया और लेन देन पर रोक लगा दी। डेरा अस्पताल व शिक्षण संस्थान के लिए प्रशासनिक कमेटी गठित कर दी और उस कमेटी की देखरेख में ही कार्य संचालित हो रहा है।