चौ. देवीलाल का पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त करने में अहम योगदान : डा. कायत
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कायत ने कहा कि भारत
जागरण संवाददाता, सिरसा:
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कायत ने कहा कि भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के विचारों की प्रासंगिकता आज भी है और पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त करने में उनका अहम योगदान है। प्रो. कायत मंगलवार को सामाजिक विज्ञान संकाय द्वारा जननायक चौधरी देवीलाल व पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि इन दोनों ही महान हस्तियों का राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। युवा पीढ़ी को इन महापुरूषों द्वारा दिखाये गये रास्ते पर चलकर राष्ट्र विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल ने देश के प्रधानमंत्री का पद त्यागकर हरियाणा प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया।
-- कमेरे व मेहनतकश लोगों के लिए किया संघर्ष
इससे पूर्व महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के सेवानिवृत प्रोफेसर बीडी यादव ने कहा कि चौधरी देवीलाल एक ऐसे राजनेता थे जिन्होंने व्यक्तिगत स्वार्थो से ऊपर उठकर समाज के कमेरे और मेहनतकश लोगों के लिए जीवन भर संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल किसानों के सच्चे मसीहा थे। नैतिकता के मूल्य उनमें कूट-कूट कर भरे हुए थे और उनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं था। कार्यक्रम में शैक्षणिक मामलों की अधिष्ठाता प्रो. दीप्ति धर्माणी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन एवं कार्यशैली विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि आजादी पूर्व अंग्रेजी शासन काल में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा उतीर्ण करने के उपरान्त भी उपाध्याय जी ने समाज सेवा के लिए इस पद को ठुकरा दिया था। मुख्यअतिथि का स्वागत विश्वविद्यालय कार्यकारी कुलसचिव प्रो. राजकुमार सिवाच ने किया। इस अवसर पर सामुदायिक रेडियों स्टेशन के निदेशक प्रो. विष्णु भगवान, अतिरिक्त निदेशक डा. रविन्द्र ढिल्लों, मदन नोखवाल, रामदेव व रीतु मौजूद थे।