पारदर्शिता के लिए पुलिस का कमेटी बनाने पर बल
शहर में 60 स्थानों पर 218 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के मामले में
जागरण संवाददाता, सिरसा :
शहर में 60 स्थानों पर 218 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के मामले में अभी भी पेच है। उपायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी ने कैमरे लगाए जाने की जिम्मेवारी पुलिस प्रशासन को सौंप दी। वहीं पुलिस प्रशासन का मानना है कि पारदर्शिता के लिए कमेटी के माध्यम खरीद हो और इस कमेटी में सिविल प्रशासन के अधिकारी शामिल होने चाहिए। हालांकि फाइल अभी पुलिस के पास नहीं पहुंची है और फाइल पहुंचने के बाद ही उपायुक्त के साथ पुलिस अधीक्षक की बैठक होगी। इस बैठक में ही कैमरे लगाए जाने की अगली प्रक्रिया पर मंथन होगा।
बता दें कि शहर में कैमरे लगाए जाने का मसला कई माह से उलझा हुआ है। सांसद ने 49 लाख रुपये की राशि कैमरे लगाए जाने के लिए दी है। कैमरे लगाए जाने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन को दी गई है और साथ ही यह भी तर्क है कि हिसार में कैमरे पुलिस विभाग की ओर से लगाए गए हैं और उनका रखरखाव भी पुलिस के पास है। एक दिन पहले ही उपायुक्त की अध्यक्षता वाली बैठक में कई अधिकारियों का तर्क रहा कि पुलिस इस मामले में अन्य विभागों से बेहतर कार्य कर सकती है। कैमरे किस दिशा में लगाए जाने हैं और कहां-कहां लगाए जाने हैं यह पुलिस ही बता सकती है।
पारदर्शिता के लिए कमेटी का गठन जरूरी
पुलिस के आला अधिकारी के अनुसार इस कार्य की खरीद में पारदर्शिता होनी जरूरी है इसलिए कमेटी बननी चाहिए। इस कमेटी में सिविल प्रशासन का होना जरूरी है। जरूरत हो तो पुलिस के भी एक अधिकारी को लिया जा सकता है। इस अधिकारी के अनुसार दूसरा सवाल रखरखाव का है। पुलिस के पास रखरखाव के लिए ऐसी कोई योजना नहीं है जिससे कैमरों के रखरखाव का खर्च उठाया जा सके।
अभी मेरे पास फाइल नहीं आई है। कई जिलों में सिविल प्रशासन की ओर से कैमरे लगाए गए हैं। कैमरे लगाने के बाद उनके रखरखाव का भी मसला है। इस विषय में भी चर्चा की जानी है। बेहतर है कि सिविल प्रशासन कैमरों की खरीद के लिए कमेटी बनाए। जरूरत हो तो उसमें कोई पुलिस अधिकारी शामिल किया जा सकता है। उपायुक्त के साथ बैठक के बाद इस मसले पर चर्चा होगी।
डा. अरुण ¨सह
पुलिस अधीक्षक, सिरसा