एफसीआर कार्यालय की लेटलतीफी के कारण ठंडे बस्ते में भ्रष्टाचार का मामला
बिना पेन कार्ड वसीका पंजीकृत करने के मामले में तत्कालीन उपायुक्त प्रभज
संवाद सहयोगी, डबवाली : बिना पेन कार्ड वसीका पंजीकृत करने के मामले में तत्कालीन उपायुक्त प्रभजोत सिंह ने तहसीलदार राजेंद्र प्रसाद वर्मा के खिलाफ कार्रवाई के लिए एफसीआर को लिखा था। एफसीआर कार्यालय की लेटलतीफी की वजह से ही भ्रष्टाचार का मामला छह माह से लंबित है। अब फाइल घूमकर पुन: उपायुक्त के पास आ गई है। जबकि उपायुक्त कार्यालय तो कार्रवाई पूरी कर चुका है। तहसीलदार के भविष्य का फैसला एफसीआर को करना है।
आइएएस प्रभजोत सिंह के तबादले के बाद कार्रवाई के लिए उन द्वारा जारी किया गया पत्र सामने आया है। 11 मार्च 2019 को लिखे पत्र क्रमांक 1438 में उन्होंने तत्कालीन एसडीएम सुरेंद्र बैनीवाल की रिपोर्ट का जिक्र किया था। तत्कालीन उपायुक्त ने उपरोक्त पत्र में कहा था कि गांव देसूजोधा निवासी हरजिद्र सिंह की शिकायत उपमंडलाधीश के माध्यम से मिली थी। जिसकी जांच एसडीएम डबवाली ने की, जांच अधिकारी ने निष्कर्ष निकाला था कि तहसीलदार के कहने पर शिकायतकर्ता ने नंबरदार के सामने आरसी की टेबल पर 2500 रुपये रखे थे। उस समय कार्यालय में सेवादार वीर सिंह, गजे सिंह मौजूद थे। दोनों ने बताया कि आरसी ने पैसों को हाथ नहीं लगाया। तत्कालीन उपायुक्त ने आरसी बुधराम को क्लीन चिट दी थी। जबकि तहसीलदार को पैसे मांगने का दोषी ठहराया था, आगामी कार्रवाई के लिए फाइल एफसीआर के पास भेज दी थी। बता दें, इस मामले में गांव खुइयांमलकाना निवासी सुरेश पूनियां ने सीएम विडो पर शिकायत दर्ज करवा रखी है।
यह है मामला
गांव देसूजोधा निवासी यादविद्र कौर पत्नी गुरचेत सिंह, परमजीत कौर पत्नी हरजिद्र सिंह ने गांव के सूबा सिंह, हरदम सिंह से 13 कनाल 15 मरला जमीन 16.70 लाख रुपये की खरीदी थी। 21 जनवरी को सुबह करीब 11.30 बजे जमीन की रजिस्टरी के लिए दोनों महिलाएं तहसील कार्यालय में पहुंच गई। उनके साथ हरजिद्र सिंह भी था। रजिस्ट्री के लिए फाइल तहसीलदार राजेंद्र प्रसाद के पास गई तो उन्होंने जमीन बेचने वालों का पैन कार्ड साथ संलग्न न होने पर आपत्ति लगा दी। नंबरदार साधु सिंह ने हरजिद्र सिंह से 2500 रुपये लेकर आरसी को दे दिए थी। जिसके बाद बिना पेन कार्ड के रजिस्ट्री हो गई थी। मामला उजागर होने के बाद नंबरदार साधु सिंह ने सरेआम तहसीलदार की ओर अंगुली उठा दी थी। हरजिद्र सिंह ने तहसीलदार तथा नंबरदार पर सांठगांठ के आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी।