खाते सीज होने से ठप हुई डेरा सच्चा सौदा में व्यावसायिक गतिविधियां
डेरा प्रमुख के साथ डेरे से जुड़ी फर्मों के बैंक खाते भी बंद पड़े हैं। खातों पर रोक लगने से यहां व्यवसायिक गतिविधियां भी रुक गई हैं और डेरे से जुड़ी अनेक फर्में आज भी बंद पड़ी हैं।
जेएनएन, सिरसा। साध्वी यौनशोषण मामले में फैसले के बाद हिंसा के चलते डेरे से जुड़े बैंक खातों पर लगी रोक अब भी बरकरार है। इस कारण डेरा प्रमुख के साथ डेरे से जुड़ी फर्मों के बैंक खाते भी बंद पड़े हैं। खातों पर रोक लगने से यहां व्यवसायिक गतिविधियां भी रुक गई हैं और डेरे से जुड़ी अनेक फर्में आज भी बंद पड़ी हैं।
400 से अधिक बैंक खातों की पहचान की गई थी, जिनका संबंध किसी न किसी रूप में डेरे से था। डेरा सच्चा सौदा के 90 प्रमुख खाते सीज कर दिए गए। डेरे के पास सिरसा जिले में 1435 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति आंकी गई थी और यहां डेरे से जुड़े खातों में डेरा प्रमुख, उसकी बेटियों, बेटा, पत्नी, दामादों के नाम हैं। इसके अलावा उनसे जुड़ी फर्मों के भी कई बैंक खाते हैं।
अस्पताल के बैंक खातों से शर्त के साथ रोक हटी
डेरे से जुड़े अस्पतालों के बैंक खाते खुलवाए जाने के लिए डेरा सच्चा सौदा ने हाई कोर्ट में अपील की थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने शर्तों के साथ याचिका का निपटारा किया। इन शर्तों के अनुसार प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में खातों का संचालन किया जाएगा। इसके लिए कमेटी गठित हो गई और खाते पर लगी रोक भी हट गई है, लेकिन शिक्षण संस्थान के खातों की रोक अभी नहीं हट पाई है। इसके अलावा दूसरी फर्मों के खाते भी बंद पड़े हैं।
ऋण देकर परेशानी में फंसे बैंक
डेरे से जुड़े जिन बैंक खातों को सीज किया गया है, उनमें ज्यादा बैंक खातों पर लोन भी लिया गया है। अब इन खातों पर रोक लगने से बैंक परेशानी में हैं। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि खाते सीज होने और फर्मों के बिजनेस न करने के कारण वे उधार नहीं चुका पा रहे हैं। इस कारण बैंकों की डिफाल्टिंग अमाउंट बढ़ गई है। बैंकों ने इन फर्मों को करोड़ों रुपये का ऋण दे रखा है। बैंक अधिकारी ने बताया कि डिफाल्टर होने के बावजूद वे कोई कार्रवाई नहीं कर सकते।
ओबीसी बैंक के सिरसा शाखा के प्रबंधक कुंदन चौधरी का कहना है कि खाते पहले की तरह ही बंद हैं। बैंक खातों पर हाई कोर्ट की रोक हटी नहीं है इसलिए उनमें किसी प्रकार का कोई लेन देने नहीं हो रहा।