मोबाइलों के अत्याधिक प्रयोग से बढ़ रहा है ब्रेन ट्यूमर
ब्रेन ट्यूमर मुख्य तौर पर वंशानुगत होता है। वर्ष 2018 में एम्स में स्ट
जागरण संवाददाता, सिरसा : ब्रेन ट्यूमर मुख्य तौर पर वंशानुगत होता है। वर्ष 2018 में एम्स में स्टडी के दौरान सामने आया कि 25 से 30 वर्ष आयु के मोबाइल उपभोक्ताओं पर किए शोध में पाया कि उनमें शरीर के दाहिने तरफ कैंसर के मामले अधिक है यह मोबाइलों के अत्याधिक प्रयोग के कारण हुआ है। रेडिएशन किरणों के प्रभाव ब्रेन ट्यूमर बढ़ रहे हैं। ब्रेन ट्यूमर कैंसर व नॉन कैंसर दो तरह के होते है। कैंसर की स्थिति में सर्जरी, कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी करनी पड़ती है जबकि नॉन कैंसर में आप्रेशन से इलाज संभव है और इसके परिणाम भी काफी हद तक अच्छे रहते हैं। दो सेंटीमीटर से छोटे आकार के ट्यूमर को लैसर थैरेपी व अन्य तकनीकों से भी खत्म किया जा सकता है।
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महिलाओं में गर्भास्था के कारण हारमोंस बदलते समय ये होने लगता है। ब्रेन टयूमर विकसत होने में 12 से 20 साल लग जाते है तथा इसका पता करीब 45 साल तक की उम्र में चलता है। छोटे बच्चों में ब्रेन ट्यूमर मां के गर्भ से ही हो जाता है। अनेक केसों में यह भी देखा गया है कि ज्यादा वसा वाला भोजन खाने से भी यह रोग होता है परंतु मेडिकल शोध इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।
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सिरसा व पंजाब क्षेत्र में ट्यूमर रोग तेजी से बढ़ रहा है। डबवाली रोड स्थित होप न्यूरो सर्जन में तीन वर्ष की अवधि के दौरान 93 लोगों के ट्यूमर के आप्रेशन किए गए है, जिनमें से अधिकतर स्वस्थ रहे हैं। संस्थान के संचालक डा. नीतिन वर्मा ने बताया कि उनके पास सिरसा, बठिडा, मानसा क्षेत्रों से ब्रेन टयूमर के अनेक रोगी आए है, ज्यादातर के आप्रेशन सफल रहे हैं। मुख्यत: ब्रेन ट्यूमर वंशानुगत होता है। वर्तमान में रेडिएशन के प्रभाव से भी ब्रेन ट्यूमर के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।