सादगी, नम्रता, बलिदान की प्रतिमूर्ति थे बाबा सोहन सिंह भकना: डा. निर्मल सिंह
गदर पार्टी के संस्थापक बाबा सोहन सिंह भकना सादगी बहादुरी बलिदान एवं त्याग की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने लोगों को भारत की स्वतन्त्रता के लिए लामबद्ध किया आंदोलन किए गिऱफ्तार हुए मृत्यु दंड मिला बाद में उसे उम्र कैद में बदला गया। रिहाई एवं स्वतन्त्रता उपरांत भी संघर्षरत रहे छब्बीस वर्ष जेल में कटे
जागरण संवाददाता, सिरसा : गदर पार्टी के संस्थापक बाबा सोहन सिंह भकना सादगी, बहादुरी, बलिदान एवं त्याग की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने लोगों को भारत की स्वतन्त्रता के लिए लामबद्ध किया, आंदोलन किए, गिरफ्तार हुए, मृत्यु दंड मिला, बाद में उसे उम्र कैद में बदला गया। रिहाई एवं स्वतन्त्रता उपरांत भी संघर्षरत रहे, छब्बीस वर्ष जेल में कटे तथा अपनी जायदाद जरूरमंदों को भेंट कर दी। ऐसे दानवीर को स्वतन्त्रता सेनानियों के राजकुमार कहा गया है। यह विचार राजकीय नेशनल महाविद्यालय, सिरसा के इतिहास विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. निर्मल सिंह ने'बाबा सोहन सिंह भकना, गदर पार्टी एवं वर्तमान परि²श्य'विषय पर राजकीय महिला महाविद्यालय, सिरसा में आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर कहे। डा. निर्मल सिंह ने कहा कि हमारे राजनीतिज्ञों एवं राजनीति को बाबा सोहन सिंह भकना जैसे गदरी बाबाओं एवं ़गदर पार्टी के इतिहास से सब़क सीखने की नितांत अनिवार्यता है। बाबा सोहन सिंह भकना के 150वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में यह विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा, हरियाणा प्रगतिशील लेखक संघ एवं कलम सिरसा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस विचार गोष्ठी की अध्यक्षता केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा के उपाध्यक्ष सुरिदर प्रीत सिंह घनियां, हरियाणा प्रगतिशील लेखक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. अमरजीत सिंह व ़कलम सिरसा के अध्यक्ष सुरेश बरनवाल पर आधारित अध्यक्षमंडल ने की। विचार गोष्ठी में बार एसोसिएशन, सिरसा के पूर्व अध्यक्ष सुरेश मेहता एडवोकेट व बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनी राम ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की। विनोद कक्कड़ ने कहा कि ऐसे व्यक्तित्वों एवं लहरों का ज्ञान आज के परिवेश में बहुत •ारूरी हो गया है। डा. अमरजीत सिंह ने गदर पार्टी की पृष्ठभूमि से अवगत करवाते हुए उस समय के सामाजिक, ऐतिहासिक एवं राजनितिक हालातों से अवगत करवाया। कलम, सिरसा के संरक्षक गुरबख्श मोंगा ने वर्तमान परिवेश में फेक न्यू•ा से सचेत रहने का आह्वान किया। इस अवसर पर डा. उमेद सिंह, डा. डीपी वार्ने, हरभगवान चावला, डा. केके डूडी, डा. दलजीत सिंह, जेएन गैदर, यशपाल रो•ा, सतपाल, कपिल, का. स्वर्ण सिंह विर्क, का. हरदेव सिंह संधु, का. जगरूप सिंह, का. राजकुमार शेखुपुरिया, का. तिलक राज विनायक, का. ओपी सुथार, डा. बलविदर हुकमावली, लाभ सिंह, डा. हरविदर कौर, डा. जोगिदर सिंह, प्रभु दयाल, छिन्द्र कौर सिरसा, रमेश शास्त्री भी उपस्थित हुए। कार्यक्रम में सुरजीत सिंह सिरड़ी, कुलवंत सिंह, डा. शेर चंद, गुरतेज सिंह बराड़, सुरजीत सिंह रेणु, नवनीत सिंह रेणु, कोमल, रेखा सुरालिया, रजनी बाला, जसमेल कौर, सुतंतर भारती, सोहन सिंह, राजेंद्र सिंह, सुनील कुमार, किरणपाल सिंह, जीवन शर्मा, महल सिंह संधू, जगदेव फौगाट, डा. हररतनसिंह गाँधी, गुरविदर सिंह, अरवेल सिंह विर्क, बूटा सिंह कालांवाली, प्रदीप सचदेवा, सुखदेव सिंह ढिल्लों, करनैल सिंह असपाल, राजेंद्र सिंह राजा, तरसेम सिंह, परमिदर सिंह गोल्डी, डा. बलवीर सिंह, हरभजन बेदी, हमजिद्र सिंह सिद्धू, साहिल, राजेंद्र शर्मा समेत ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।