20 हजार स्क्वायर मीटर में बनने वाले भवन में लगाना होगा एंटी स्मॉग गन
जागरण संवाददाता सिरसा बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अ
जागरण संवाददाता, सिरसा : बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब नया कदम उठाया है। शहर में 20 हजार स्क्वायर मीटर में बनने वाले बड़े भवनों में एंटी स्मॉग गन लगाना जरूरी कर दिया है। इससे प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि सिरसा जिले में अभी तक इतना बड़ा भवन पहले नहीं बना हुआ है। सरकारी विभागों को भी रखना होगा ध्यान बड़े भवनों का निर्माण करते समय एंटी स्मॉग गन लगाने के लिए सरकारी विभागों को भी निर्देश दिए गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लोक निर्माण विभाग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, मुख्य प्रशासक हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी व जिला उपायुक्त को इस व्यवस्था को लागू कराने का अनुरोध किया है। ऐसे करती है काम प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए एंटी स्मॉग गन लगाई जाती है। इससे प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ता है। वॉटर टैंक से जुड़ी एंटी स्मॉग गन हवा में पानी की बेहद महीन बौछार करती है। इससे धूल-कण नीचे आ जाते हैं। जिससे प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ता है। नवंबर माह में बढ़ गया था प्रदूषण का स्तर सिरसा जिले में नवंबर माह में पर्यावरण प्रदूषण बढ़ गया था। एयर क्वालिटी इंडेक्स 900 से भी पार कर गया था। पीएम-10 का स्तर 100 तक होना चाहिए। जबकि यह स्तर 900 तक पहुंच गया है। धूल कण का गुबार छाया हुआ रहा। ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी व औद्योगिक क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का खतरा सबसे अधिक हुआ। क्योंकि यहां पर पहले ही प्रदूषण का स्तर अधिक होता है। आसमान साफ न होने से लोगों का घरों से बाहर निकालना मुश्किल हो गया। पार्टिकुलेट मेटल जो कि वायु में मौजूद छोटे कण होते हैं। जो वातावरण में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण है। हवा में मौजूद कण इतने छोटे होते हैं कि इन्हें नग्न आंखों से भी नहीं देखा जा सकता, इसके कारण ही रोग बढ़ रहे हैं। ::::::प्रदेश में कहीं पर भी 20 हजार स्क्वायर मीटर में बनने वाले भवन में एंटी स्मॉग गन लगाना जरूरी है। इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। बड़े बनने वाले भवनों का समय समय पर निरीक्षण भी किया जा रहा है। जहां पर प्रदूषण का स्तर पाया जाता है। उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।
सुनील श्योराण, एसडीओ, प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड