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इनेलो में रारः अजय के तीखे प्रहारों से गरमाया सियासी माहौल, 'खुफिया नजरें' विधायकों पर

अजय चौटाला पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ ही कार्यकर्ताओं को अपने पुत्र दुष्यंत के पक्ष में लामबंद करने में जुट गए हैं। राम रमी कार्यक्रम में भी परिवार के बीच की दूरी साफ दिखी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 08 Nov 2018 12:58 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 04:24 PM (IST)
इनेलो में रारः अजय के तीखे प्रहारों से गरमाया सियासी माहौल, 'खुफिया नजरें' विधायकों पर
इनेलो में रारः अजय के तीखे प्रहारों से गरमाया सियासी माहौल, 'खुफिया नजरें' विधायकों पर

जेएनएन, चंडीगढ़। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) पर काबिज होने के लिए इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के परिवार में चल रही उत्तराधिकार की जंग में उतर चुके राष्ट्रीय महासचिव अजय चौटाला पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ ही कार्यकर्ताओं को अपने पुत्र दुष्यंत के पक्ष में लामबंद करने में जुट गए हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि अब देखना है कि कौन पांडवों के साथ हैं और कौन कौरवों के साथ। राम रमी के दौरान भी अजय ने तेजा खेड़ा फार्म हाऊस से दूरी बनाए रखी। हालांकि अजय पुत्र दुष्यंत के साथ पास ही स्थित चौधरी देवी लाल के स्मृति स्थल गए, पर फार्म हाऊस में नहीं रुके। वहां अभय चौटाला राम रमी कार्यक्रम में मौजूद थे। अजय सिरसा स्थित अपने ही घर पर कार्यकर्ताओं से मिले।

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उन्होंने जींद में 17 नवंबर को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। बैठक में कितने विधायक शामिल होंगे, इसका आकलन करने में अभय चौटाला का खेमा भी लगा है। पिता ओमप्रकाश चौटाला द्वारा अपने पुत्रों दुष्यंत और दिग्विजय को इनेलो से निष्कासित किए जाने से आहत अजय चौटाला जेल से बाहर आने के बाद जिस तरह फील्ड में उतर गए, उससे लगता है कि चौदह दिन की अवधि खत्म होने से पहले वह इस जंग का पटाक्षेप करके ही रहेंगे। दिल्ली से निकलने के बाद झज्जर, दादरी, हांसी, हिसार, सिरसा सहित कई शहरों में वर्करों की बैठक में अजय चौटाला ने कार्यकर्ताओं को 17 को जींद पहुंचने का निमंत्रण दिया। इस दौरान उनके संबोधन में आक्रामकता चरम पर थी।

दोनों पक्ष प्रमुख नेताओं को साथ लाने की रणनीति पर कर रहे काम

दोनों खेमों में प्रमुख नेताओं को अपने पक्ष में रखने के लिए दबाव की राजनीति तेज हो गई है। सोमवार को अजय को जेल से बाहर आना था और इसी दिन विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय चौटाला ने हिसार में विधायक दल की बैठक बुला ली थी। बैठक में इनेलो के 19 में से 11-12 विधायकों के पहुंचने की सूचना है।

दोराहे पर विधायक, जाएं तो जाएं कहां

इनेलो के विधायक दोराहे पर खड़े हैं,जाएं तो किधर जाएं। दुष्यंत की मां डबवाली की विधायक नैना चौटाला तो एक पक्ष ही हैं, दादरी के विधायक राजदीप फौगाट और उकलाना (हिसार) के विधायक अनूप धानक तो दुष्यंत के बगलगीर हो चुके हैं। कुछ अभी वेट एंड वाच की नीति अपनाए हुए हैं। राजदीप फौगाट और अनूप धानक तो स्पष्ट कहते हैं कि पार्टी सुप्रीमो द्वारा दुष्यंत को पार्टी से निष्कासित करने का निर्णय अनुचित है।

विधायकों की दुविधा यह भी है कि आने वाले दिनों में पार्टी का प्रबंधन किसके हाथ में रहेगा और उनकी चुनावी नैया कौन पार लगाएगा। अजय विधायकों से संपर्क कर रहे हैं। अनूप और राजदीप के अलावा करीब सात विधायक अजय चौटाला को वचन दे चुके हैं कि वे उनके साथ रहेंगे। सूत्र बताते हैं कि इन विधायकों से कहा गया है कि वे 17 नवंबर तक वे शांत रहें। 17 नवंबर को जब जींद में ताऊ देवीलाल के संघर्ष स्थल पर अजय सिंह चौटाला रैली करेंगे तो वे मंच पर अपने विचार व्यक्त करें। 

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