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पटाखों की आड़ में पराली जलाने वालों पर होगी कार्रवाई

महेंद्र ¨सह मेहरा, सिरसा : दीपावली के दिन पटाखे की आड़ में पराली जलाने वालों पर कार्रव

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 10:24 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 10:24 PM (IST)
पटाखों की आड़ में पराली जलाने वालों पर होगी कार्रवाई
पटाखों की आड़ में पराली जलाने वालों पर होगी कार्रवाई

महेंद्र ¨सह मेहरा, सिरसा :

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दीपावली के दिन पटाखे की आड़ में पराली जलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। दीपावली पर्व के दिन भी पराली जलाने वाले किसानों पर नजर रखी जाएगी। दीपावली पर्व के दिन भी जिला प्रशासन व कृषि विभाग के अधिकारी पराली जलाने वालों पर नजर रखेंगे। गौरतलब है कि पिछले सालों में दीपावली के दिन सबसे अधिक पराली जलाई जाती रही है। किसान पराली जलाने का कारण पटाखे से बता देते हैं। ताकि कोई कार्रवाई न हो सके।

फैल जाता है स्मॉग

दीपावली पर्व के दिन सबसे अधिक पराली के आग लगाई जाती है। किसान पराली के आग लगाने का कारण पटाखे की ¨चगारी बता देते हैं। दीपावली के दिन पटाखे व पराली के धुआं से उठता है। इसके बाद धूल के जहरीले मिश्रण यानी स्मॉग से घिर जाती है। जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। धान की पराली के जलने से 70 फीसद कार्बन डाइआक्साइड, 7 फीसद कार्बन मोनोआक्साइड, 0.66 मीथेन, 2.09 नाईट्रक आक्साइड कई तरह की गैस निकलती है। जो कि पर्यावरण में कई तरह के बदलाव लाने का कारण बनती है।

-- पटाखों का धुआं स्वास्थ्य के लिये खतरनाक

पटाखे के चलाने से कई प्रकार की हानिकारक गैस निकलती है। इसके कारण कार्बन और सल्फर पटाखों के जलने से कई प्रकार की हानिकारक गैस निकलती हैं। रंगीन आतिशबाजी में इस्तेमाल होने वाले एल्युमीनियम और एंटीमनी सल्फाइड से अल्जाइमर और फेफड़ों का कैंसर होता है। पटाखों में मौजूद बेरियम नाइट्रेट से सांस लेने में परेशानी, गैस की समस्याएं और मांसपेशियों में कमजोरी होती है। किसी भी वयस्क की तुलना में स्मॉग या वायु प्रदूषण बच्चों के लिये अधिक घातक है।

--- अधिकारी रखेंगे नजर

पटाखे की आड़ में पराली जलाने वाले किसानों पर नजर रखी जाएगी। जिला प्रशासन के अधिकारी दीपावली पर्व के दिन भी गश्त करेंगे। अगर कहीं पर पराली जलती हुई मिली। उस समय किसान पर जुर्माना व कार्रवाई की जाएगी। जिसको लेकर जिला प्रशासन ने अलग अलग टीमें गठित कर तैयारियां शुरू कर दी है। :::दीपावली पर्व के दिन पटाखे की आड़ में पराली जला देते हैं। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

पराली के जलाने के साथ काफी जहरीली गैस निकलती है। वहीं भूमि की उपजाऊ शक्ति कमजोर होती है। किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

डा. बाबूलाल, उपनिदेशक, कृषि विभाग


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