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पिछले साल पराली जलाने के आए 482 मामले, इस बार घटकर 250 पर पहुंचे

अभियान का लोगो लगाएं - पराली जलाने वालों बीते वर्ष चालान के रूप में वसूले थे 10 लाख 4000 रुपय

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 05:20 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 05:20 PM (IST)
पिछले साल पराली जलाने के आए 482 मामले, इस बार घटकर 250 पर पहुंचे
पिछले साल पराली जलाने के आए 482 मामले, इस बार घटकर 250 पर पहुंचे

अभियान का लोगो लगाएं

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- पराली जलाने वालों बीते वर्ष चालान के रूप में वसूले थे 10 लाख 4000 रुपये, इस बार 4 लाख 72 हजार 500 रुपये किया जुर्माना जागरण संवाददाता, सिरसा : जिले में कृषि विभाग व प्रशासन द्वारा धान उत्पादक किसानों को पराली प्रबंधन के लिए संशाधन उपलब्ध करवाने और जागरूकता मुहिम चलाए जाने का असर साफ तौर पर दिखाई दिया है। इस वर्ष जिले में पराली जलाने के मामले बीते वर्ष की अपेक्षा करीब आधे रह गए हैं। विभाग से बड़ी उपलब्धि मान रहा है। किसान भी अब पराली जलाने की बजाय उसकी गांठें बनाने, पशु चारे के लिए भूसा बनाने तथा पराली के अवशेषों को भूमि में मिला रहे हैं।

सिरसा जिले में 100317 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती की जाती है। इस बार 71225 हेक्टेयर भूमि में धान लगाया गया जोकि करीब 71 फीसद एरिया बनता है। जिले में इस वर्ष हेरसेक द्वारा 493 जगहों पर आग लगने संबंध में जानकारी दी गई, इनमें से 250 जगहों पर पराली जलती हुई मिली। इस वर्ष पराली जलाने वाले किसानों के 188 चालान किए गए और किसानों से चार लाख 72 हजार 500 रुपये चालान राशि के रूप में वसूले गए। जबकि बीते वर्ष हेरसेक द्वारा जिले में 824 जगहें पर आग लगने संबंध में सूचना दी गई जिनमें से 482 जगहों पर पराली में आग लगी हुई मिली। किसानों पर 110 मामले दर्ज किए गए और 341 चालान काटे गए। किसानों से 10 लाख चार जार रुपये जुर्माने के रूप में वसूले गए। ---------------

पराली प्रबंधन पर रहा प्रशासन का जोर

पराली प्रबंधन के लिए इस बार जिला प्रशासन की ओर से जिले में 368 कस्टम हायरिग सिस्टम लागू किए गए साथ ही 1281 निजी लोगों ने काम किया। जिले में 46150 एकड़ एरिया को सीएचसी और निजी संशाधनों से प्रबंधन किया गया। जिन किसानों ने अपने खेतों में बेलर का प्रयोग किया, उन्हें विभाग की ओर से एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि के रूप में दिये गए। ----------

जागरण ने चलाया सतत जागरूकता अभियान

पराली जलाने से रोकने के लिए दैनिक जागरण द्वारा भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हर वर्ष पराली नहीं जलाएंगे पर्यावरण बचाएंगे अभियान चलाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। दैनिक जागरण द्वारा शिक्षण संस्थानों, चौपालों पर जागरूकता अभियान किये जाते हैं इसके अलावा पराली प्रबंधन करने वाले किसानों की सफल कहानियां दूसरे किसानों तक पहुंचाकर भी उन्हें पराली प्रबंधन के लिए प्रेरित किया जाता है। ----------- जिले में इस बार पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। हमारा प्रयास है कि पराली जलाने पर बिल्कुल रोक लगे। इसके लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। पराली प्रबंधन के लिए किसानों को यंत्र उपलब्ध करवाएं जाते हैं और जो किसान नियमों की अवहेलना करते हैं , उन पर जुर्माना भी लगाया जाता है। - डा. बाबू लाल, उपनिदेशक, कृषि विभाग


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