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सकताखेड़ा माइनर टूटने से 40 एकड़ में बिजांत गेहूं खराब

काला तीतर के नजदीक सकताखेड़ा माइनर टूटने से गांव राजपुरा माजरा

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 05:55 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 05:55 AM (IST)
सकताखेड़ा माइनर टूटने से 40 एकड़ में बिजांत गेहूं खराब
सकताखेड़ा माइनर टूटने से 40 एकड़ में बिजांत गेहूं खराब

संवाद सहयोगी, डबवाली : काला तीतर के नजदीक सकताखेड़ा माइनर टूटने से गांव राजपुरा माजरा में 40 एकड़ में बिजांत गेहूं में घुटनों तक पानी भर गया। किसानों ने मदद के लिए नहरी विभाग को गुहार लगाई, लेकिन कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। किसानों के अनुसार प्रति एकड़ हजारों रुपये का नुकसान हुआ है। साथ ही अगले 60 दिनों तक पुन: बिजांत नहीं हो सकती। ऐसे में दोहरी मार से किसानों की कमर टूट जाएगी।

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गांव राजपुरा माजरा के किसान मिट्टू राम कंबोज, जय राम, मिट्ठू संधा, त्रिलोक चंद, मुंशी राम ने बताया कि काला तितर के नजदीक सकताखेड़ा माइनर रात को ही टूट गई थी। सुबह करीब 6 बजे किसान खेत संभालने आए तो पानी से भरे खेत देखकर दंग रह गए। इसकी जानकारी नहरी महकमे के अधिकारियों को दी गई। जेई अंकुर चोपड़ा को कॉल की तो उन्होंने कहा कि वे बीमार चल रहे हैं, तीन दिन से छुट्टी पर हैं। अन्य कर्मचारियों तथा अधिकारियों को कॉल कर हालातों से अवगत करवाया गया। लेकिन कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौका पर नहीं पहुंचा। किसानों ने नहर की दरार को भरना शुरू किया तब तक करीब 40 एकड़ में पानी भर चुका था। किसानों के अनुसार पराली जलाने वाले किसानों को सेटेलाइट से पहचाना जा सकता है, तो किसानों की मुश्किलों का समाधान करने के लिए सेटेलाइट का प्रयोग होना चाहिए। मुझे उल्टी-दस्त हो रहे हैं। इसलिए तीन दिन से छुट्टी पर चल रहा हूं। एसडीओ महेंद्र ¨सह कार्य देख रहे हैं।

-जेई अंकुर चौपड़ा, नहरी विभाग, डबवाली मुझे 15-20 दिन ही हुए हैं एसडीओ का कार्यभार संभाले। सकताखेड़ा माइनर पर जेई को भेजा गया था। नहर की दरार को भरने के लिए मजदूर लगे हुए हैं। सकताखेड़ा माइनर पुरानी होने के कारण टूटी है। नई बनाने के लिए टेंडर अलॉट हो चुका है। ठेकेदार 3-4 दिन में कार्य शुरू कर देगा।

-एसडीओ महेंद्र धायल, नहरी विभाग, डबवाली


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