खरीद एजेंसियां की उदासीनता से 33 फीसद धान का उठान
धान की आवक गति पकड़ गई है। दशा यह हो गई है किसान मंडी के बाह
संवाद सहयोगी, डबवाली : धान की आवक गति पकड़ गई है। दशा यह हो गई है किसान मंडी के बाहर सड़क पर ढेरी करने को मजबूर है। इसकी वजह धीमी गति से चल रहा उठान भी है। खरीद एजेंसी हैफेड, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग उठान के प्रति उदासीन रवैया अपनाए हुए है। इसकी वजह से आढ़ती तथा संबंधित किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। परेशानी जायज भी है, चूंकि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार ने 17 से 19 अक्टूबर के मध्य बारिश का अलर्ट जारी कर रखा है। बारिश हुई तो किसानों को सीधा नुकसान होगा। हालांकि एसडीएम राजेश पूनिया अनाज मंडी का हर रोज निरीक्षण कर रहे है। वे भी खरीद एजेंसियों को उठान तेज करने के निर्देश दे चुके हैं। इसके बावजूद एजेंसियां चुप्पी साधे हुए है। सवाल उठता है कि अगर उपज को नुकसान हुआ तो जिम्मेवार कौन होगा।
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33 फीसद धान का उठान
मार्केट कमेटी के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो 14 अक्टूबर तक 46974 क्विटल धान मंडी में पहुंच चुका है। जिसमें से दोनों एजेंसियों ने 59 फीसद यानी 27548 क्विटल धान खरीदा है। करीब 42 फीसद धान बिना खरीद के पड़ा है। वहीं खरीद में से करीब 9172 क्विटल धान का उठान हुआ है जो 33 फीसद है। -----------------
स्पेशल के कारण उठान प्रभावित हैफेड प्रबंधक मुकेश कुमार ने बताया कि ट्रांसपोर्टर को उठान करने के निर्देश है। इधर खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी राजदीप सिंह काहलों ने बताया कि शुक्रवार को स्पेशल के कारण धान उठान का कार्य प्रभावित हुआ है। शनिवार से उठान का कार्य पटरी पर होगा।