27 साल का अमन बना सेलिब्रिटी, विदेशी एक्टर भी हुए मुरीद
डीडी गोयल डबवाली बिजली निगम से रिटायर्ड लाइनमैन गुरचेत सिंह के बेटे अमन जनागल उर्फ अमन ज
डीडी गोयल, डबवाली:
बिजली निगम से रिटायर्ड लाइनमैन गुरचेत सिंह के बेटे अमन जनागल उर्फ अमन जे (27) के विदेशी एक्टर मुरीद हो गए हैं। इसकी बड़ी वजह है पंजाबी गीत लौंग लाची। एक साल पहले इस गाने को अमन ने कंपोज किया था। धुन की वजह से गाना देश ही नहीं, बल्कि विदेश में हिट हो गया। करीब 76 करोड़ से ज्यादा लोग इस गाने को सुन चुके हैं। धुन से प्रभावित अफगानिस्तानी एक्टर ने रोमांटिक गाने को कंपोज करने का ऑफर दिया है। हाल ही में रेडियो मिर्ची ने अमन को बेस्ट कंपोजर ऑफ द इयर-2018 अवार्ड से सम्मानित किया है।
डबवाली के गांव देसूजोधा के रहने वाले अमन ने सरकारी स्कूल से मैट्रिक पास की थी। डबवाली आइटीआइ वोकेशनल में स्टेनो (हिदी) की। बठिडा के राजेंद्रा कालेज से म्यूजिक में बीए करने के बाद मास्टर डिग्री के लिए पटियाला चले गए। शास्त्री संगीत (आवाज) में एमए करने के बाद पंजाब के दक्षिणी सरहदी जिलों में शास्त्रीय संगीत की स्थिति विषय पर एमफिल की। म्यूजिक में तीन बार नेट तथा एक बार जेआरएफ क्लीयर करने के बाद अमन को प्रोफेसर बनने की इच्छा हुई। इसी दौरान वर्ष 2017 में मानसा निवासी दोस्त हरमनजीत ने लौंग लाची गाना लिखा। गाना इतना अच्छा था कि अमन ने कुछ ही देर में धुन तैयार कर दी। हालांकि एक वर्ष बाद फरवरी 2018 में मन्नत नूर ने गाना गाया। जो आज भी करोड़ों लोगों के होठों पर मौजूद है। वहीं पंजाबी के साथ-साथ यह गाना हिदी में भी डब होकर खूब चल रहा है। खुद के कंपोज किए गाने को मिली लोकप्रियता देखकर अमन ने प्रोफेसर बनने की इच्छा छोड़ दी। खुद गाना गाने की सोची है। फिलहाल वे पटियाला यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे हैं।
अगले माह आएगा गाना
हाल ही में अमन जनागल ने एक गाना तैयार किया है जिसे अगले माह लोकधुन नामक म्यूजिक कंपनी रिलीज करेगी। अमन के अनुसार अब तक उसे जो भी सफलता मिली है, उसमें परिवार का बेहद योगदान रहा है। खासकर उसके पिता गुरचेत सिंह का। वे खुद संगीत सुनने के शौकीन थे। बचपन में स्कूली कार्यक्रमों में उसके पिता ही उसे गाना तैयार करवाते थे। वह उसे बेहतरीन संगीतकार के रूप में देखना चाहते हैं।
----------
इस कारण बदला अपना नाम
बेस्ट कंपोज ऑफ द इयर चुने गए अमन बताते हैं कि लौंग लाची गाने को रिलीज करने के वक्त म्यूजिक कंपनी ने उसका नाम पूछा। मैंने अमन बताया तो कंपनी के अधिकारी बोले वाट इज दिस, अमन.अमन.। उन्होंने कहा कि प्रसिद्धि पाना चाहते हो तो कुछ अलग नाम लिखो। इसलिए उसने अमन जनागल की अपेक्षा अमन जे लिखा।
------------
युवाओं के लिए रोशनी की किरण
गांव देसूजोधा करीब 350 साल पूर्व बसा हुआ गांव है। इसकी नींव देसूजोधा तथा दाना सिंह ने रखी थी। इस गांव ने मट्टू सिंह के रूप में प्रसिद्ध कबड्डी खिलाड़ी दिया है। ऐसे में युवाओं के लिए अमन जे रोशनी की किरण बनकर उभरे हैं।